होम देश Pakistan former foreign minister refuted Trump claims told how ceasefire with India happened ट्रंप के दावों को पाकिस्तीन के पूर्व विदेश मंत्री ने झुठलाया, बताया कैसे हुआ भारत के साथ सीजफायर, India News in Hindi

Pakistan former foreign minister refuted Trump claims told how ceasefire with India happened ट्रंप के दावों को पाकिस्तीन के पूर्व विदेश मंत्री ने झुठलाया, बताया कैसे हुआ भारत के साथ सीजफायर, India News in Hindi

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10 मई को युद्धविराम लागू हुआ था, जिसके बाद ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सुलह कराई। हालांकि भारत ने साफ किया था कि यह निर्णय सीधा सैन्य वार्ता के जरिए हुआ और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार इस बात का दावा करते आ रहे हैं उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हुआ। उनके दावों को भारत झुठलाता रहा है। अब पाकिस्तान के नेता भी यही बात बोल रहे हैं। पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया युद्धविराम किसी बाहरी दबाव या सैन्य अधिकारियों के फैसले का परिणाम नहीं था, बल्कि यह दोनों सरकारों की सर्वोच्च स्तर पर आपसी समझदारी का नतीजा था।

नई दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार ‘भारत-पाकिस्तान संबंध: शांति के लिए संवाद’ को वर्चुअली संबोधित करते हुए कसूरी ने कहा, “दोनों सरकारों ने यह समझा कि अब काफी हो चुका है। इसे समाप्त करना जरूरी था। इसका श्रेय दोनों देशों के सर्वोच्च नेतृत्व को देना चाहिए।”

कसूरी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बहाल कराई। कसूरी ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने हस्तक्षेप की कोशिश की है। इससे पहले भी रॉबर्ट गेट्स, बिल क्लिंटन, कोलिन पॉवेल और बराक ओबामा जैसे अमेरिकी नेता इसमें शामिल रहे हैं।”

आपको बता दें कि हो कि 10 मई को युद्धविराम लागू हुआ था, जिसके बाद ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सुलह कराई। हालांकि भारत ने साफ किया था कि यह निर्णय सीधा सैन्य वार्ता के जरिए हुआ और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।

कसूरी ने भारत-पाक रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की गोपनीय बातचीत का दावा करते हुए इसका समर्थन किया है।

उन्होंने कहा, “अगर एनएसए स्तर पर बातचीत संभव नहीं, तो कोई ऐसा व्यक्ति जो दोनों प्रधानमंत्रियों का भरोसेमंद हो उन्हें अगला युद्ध रोकने के उद्देश्य से वार्ता करनी चाहिए।”

जम्मू-कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक तन्‍वीर सादिक ने कहा कि भले ही अभी बातचीत के लिए माहौल अनुकूल न हो लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद अनिवार्य है। उन्होंने कहा. “क्या यह बातचीत के लिए सही समय है? शायद नहीं। लेकिन क्या बातचीत जरूरी है? बिलकुल हां।” उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि भारत और पाकिस्तान को किसी मित्र देश की मदद से बातचीत की मेज पर लाना होगा, क्योंकि अकेले बैठकर दोनों देश समाधान नहीं निकाल सकते।

वहीं, पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे टीसीए राघवन ने कहा कि भारत-पाक संबंधों की वर्तमान स्थिति कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह बीते कई दशकों से चली आ रही ढांचागत समस्या है। उन्होंने कहा, “पिछले 35 वर्षों से इस समस्या का केंद्र बिंदु आतंकवाद रहा है। इसका कोई एक हल नहीं है। इसे या तो सहन करना होगा या उसके आसपास समाधान ढूंढना होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि 20 साल पहले पाकिस्तान में इस समस्या को लेकर ज्यादा समझ थी, जब तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भारत को भरोसा दिलाया था कि वह आतंकवाद को राजनीतिक हथियार के तौर पर नहीं इस्तेमाल करेंगे।

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