होम देश Stopping the Indus Water Treaty is a befitting reply to Pakistan Jammu and Kashmir will benefit says Manoj Sinha सिंधु जल संधि पर रोक लगाना PAK को करारा जवाब, जम्मू-कश्मीर को लाभ होगा: मनोज सिन्हा, India News in Hindi

Stopping the Indus Water Treaty is a befitting reply to Pakistan Jammu and Kashmir will benefit says Manoj Sinha सिंधु जल संधि पर रोक लगाना PAK को करारा जवाब, जम्मू-कश्मीर को लाभ होगा: मनोज सिन्हा, India News in Hindi

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सिन्हा ने कहा कि भारत का पानी अब भारत के भीतर बहेगा और भारत में ही रहेगा। सिंधु जल संधि पर रोक के साथ, अब झेलम और चिनाब नदियों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण है।

Madan Tiwari पीटीआई, जम्मूSat, 19 July 2025 09:38 PM

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) एक ऐतिहासिक भूल थी और इस पर रोक लगाना पाकिस्तान को करारा जवाब है और इस कदम से केंद्र शासित प्रदेश को काफी लाभ होगा, जिससे वह अपनी वास्तविक जल विद्युत क्षमता का दोहन कर सकेगा।

उपराज्यपाल ने कहा, ”भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं हो सकती तथा आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं हो सकते।” उन्होंने कहा, ”सिंधु जल संधि पर रोक लगाना पाकिस्तान के लिए एक उचित जवाब है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे, क्योंकि वह सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है।”

यहां संत कुमार शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिंधु जल संधि-तथ्यों का प्रतिबिंबन’ का विमोचन करते हुए उपराज्यपाल ने इस संधि के विभिन्न ऐतिहासिक पहलुओं को सामने लाने के लिए लेखक को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए बधाई दी। सिन्हा ने कहा, ”भारत का पानी अब भारत के भीतर बहेगा और भारत में ही रहेगा। सिंधु जल संधि पर रोक के साथ, अब झेलम और चिनाब नदियों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण है।”

उन्होंने कहा कि इससे जम्मू के बंजर क्षेत्रों की सिंचाई की जा सकेगी और जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे के विकास में नयी गति आएगी। उपराज्यपाल ने कहा कि भारत अब बुनियादी ढांचे, बिजली संयंत्रों का निर्माण करेगा। सिन्हा ने पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गये नागरिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की और जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद पीड़ितों को सम्मान देने और न्याय दिलाने के अपने संकल्प को दोहराया।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। उपराज्यपाल ने कहा, ”आतंकवाद से पीड़ित किसी भी परिवार को अकेले नहीं छोड़ा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि दशकों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे परिवार के सदस्यों को नौकरी, आर्थिक सहायता और आवश्यक मदद मिले। आतंकवादी हमलों के दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।”

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