फ्लिपकार्ट के एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर के जरिए सेलर्स को तुरंत पेमेंट किए बिना ही एडवर्टाइजिंग कैंपेन चलाने का मौका मिलेगा। ई-कॉमर्स कंपनी की इस नई पहल से सेलर्स ना सिर्फ कारोबार का प्रचार कर सकेंगे बल्कि विस्तार में भी मदद मिलेगी।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपने सेलर्स के लिए भी एक नई फीचर की शुरुआत की है। इस नई सुविधा का नाम- एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर है। इसके जरिए सेलर्स को तुरंत पेमेंट किए बिना ही एडवर्टाइजिंग कैंपेन चलाने का मौका मिलेगा। ई-कॉमर्स कंपनी की इस नई पहल से सेलर्स ना सिर्फ कारोबार का प्रचार कर सकेंगे बल्कि विस्तार में भी मदद मिलेगी। एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर फीचर के बारे में फ्लिपकार्ट Ads के वाइस प्रेसीडेंट और जनरल मैनेजर विजय अय्यर ने विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान इस फीचर से जुड़े कई मुद्दों के बारे में बात की।
एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर फीचर कैसे सेलर्स की करेगा मदद?
विजय अय्यर ने बताया कि हमने अलग-अलग माध्यमों से सेलर्स की 3 मुख्य चुनौतियों की पहचान की है। पहली चुनौती वर्किंग कैपिटल की है। कई सेलर्स ने बताया कि पहले से भुगतान किए जाने वाले विज्ञापन उनके वर्किंग कैपिटल पर दबाव डालते हैं। इसके अलावा सेलर्स इस भ्रम में भी रहते हैं कि उन्हें विज्ञापन में कितना खर्च करना चाहिए। वहीं, जो
अनुभवी सेलर्स हैं वो इस चिंता में रहते हैं कि उन्हें अतिरिक्त क्या लाभ मिलेगा। इन सभी चिंताओं का समाधान एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर फीचर है। यह लाइन-ऑफ़-क्रेडिट आधारित विज्ञापन मॉडल है, जिसे विशेष रूप से सेलर्स की जमीनी जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर फीचर कैसे मदद करता है?
फ्लिपकार्ट Ads के वाइस प्रेसीडेंट और जनरल मैनेजर विजय अय्यर ने बताया कि इस फीचर में सेलर्स को विज्ञापन के लिए पहले भुगतान करने की जरूरत नहीं है। उनके फ्लिपकार्ट से मिलने वाले पेआउट से विज्ञापन की राशि ऑटोमैटिक कट जाती है, जिससे उनके संचालन में किसी तरह की वित्तीय बाधा नहीं आती। यह फीचर सेलर्स के GMV (Gross Merchandise Value) के आधार पर अनुमानित बजट की सिफारिश करता है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और अधिक खर्च करने का डर कम होता है।
एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर लगातार यह ट्रैक करता है कि विज्ञापन से क्या परिणाम मिल रहा है। यदि विज्ञापन से ₹100 की बिक्री ₹130 हो जाती है, तो सिस्टम आपको अधिक खर्च की अनुमति देता है और क्रेडिट बढ़ाता है। यदि बेनिफिट सीमित हो (जैसे ₹105), तो यह ऑटोमैटिक ही सीमित कर देता है। यह पूरी तरह से प्रदर्शन आधारित है। विजय अय्यर के मुताबिक आज 24,000 से अधिक सेलर्स इस फीचर पर भरोसा कर रहे हैं।
Flipkart आने वाले समय में क्या बदलाव देख रही है?
फ्लिपकार्ट Ads के वाइस प्रेसीडेंट और जनरल मैनेजर विजय अय्यर ने कहा कि जब हमने व्यापक ई-कॉमर्स इकोसिस्टम को देखा, तो कुछ मुख्य चुनौतियां स्पष्ट रूप से सामने आईं। बाजार में हजारों सेलर्स हैं, लेकिन उनमें से कई के लिए विज्ञापन में निवेश करना एक बड़ी बाधा है। सबसे पहले, छोटे और मझोले विक्रेताओं के बीच विज्ञापन पर खर्च करने की प्रवृत्ति कम है। विक्रेता पहले से ही इन्वेंट्री, संचालन और लॉजिस्टिक्स जैसे कई वित्तीय दायित्वों को संभाल रहे होते हैं, और बिना सुनिश्चित रिटर्न के अतिरिक्त पूंजी जोखिम में डालना उनके लिए संभव नहीं होता।
दूसरी बात, क्रेडिट तक पहुंचना एक जटिल प्रक्रिया है। अधिकांश कंपनियों में क्रेडिट अप्रूवल के लिए कई स्तरों की कागजी कार्रवाई, औपचारिक प्रक्रियाएं और लंबा समय लगता है। यह मॉडल उस विक्रेता के लिए काम नहीं करता जो तेजी से निर्णय लेकर तुरंत कार्रवाई करना चाहता है।
चार्जिंग मॉडल कैसा है?
एडवर्टाइज नाउ, पे लेटर फीचर में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है। न कोई फीस, न कोई छिपी हुई लागत और न ही कोई ब्याज। यह पूरी तरह से मुफ्त सेवा है, जिसे एक ही उद्देश्य के साथ डिजाइन किया गया है-विक्रेताओं के लिए विज्ञापन को सरल और अधिक सुलभ बनाना। विक्रेता वही विज्ञापन टूल्स और प्रोडक्ट्स उपयोग करते हैं, जो वे पहले से करते आ रहे हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि अब उन्हें पहले भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
जनरेटिव AI या मशीन लर्निंग का उपयोग होता है?
अय्यर ने बताया कि Flipkart में हमारा मानना है कि AI का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन इसकी असली उपयोगिता तब है जब यह उपयोग में आसान हो और अंततः उपयोगकर्ता के लिए फायदेमंद हो।