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भारत का ब्रह्मोस मिसाइल खरीदेगा चीन-अमेरिका का ये कट्टर दुश्मन, सामने आई 15 देशों की पूरी लिस्ट

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ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है ये 15 देश

पाकिस्तान पर स्ट्राइक के बाद भारत के ब्रह्मोस मिसाइल की डिमांड बढ़ गई है. एक तरफ जहां दुनिया के 15 देशों में इसे खरीदने की होड़ है. वहीं चीनी मीडिया में मिसाइल की जमकर तारीफ हो रही है. चीन की साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने इसे बेहद ही खतरनाक मिसाइल बताया है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर ऑपरेशन में इस मिसाइल ने बड़ी भूमिका निभाई. इसके बाद अमेरिका और चीन के कई दुश्मन देशों ने इसे खरीदने की इच्छा जताई है.

ब्रह्मोस पर इन 15 देशों की नजर

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि 14-15 देश ब्रह्मोस खरीदना चाहते हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रक्षा सूत्रों के हवाले से इन देशों के नामों का खुलासा किया है.

जो देश ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहते हैं, उनमें थाईलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, सिंगापुर, ब्रुनेई, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना और वेनेजुएला शामिल हैं.

इनमें फिलीपींस पहला देश है, जिसने ब्रह्मोस खरीदने की इच्छा जताई थी. फिलिपींस ने साल 2022 में ही भारत के साथ 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता कर लिया था. वियतनाम और इंडोनेशिया कथित तौर पर क्रमशः 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुबंधों पर बातचीत कर रहे हैं.

फिलीपींस की दुश्मनी चीन से है. वहीं ब्राजील और वेनेजुएला जैसे देश सीधे अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सऊदी, यूएई, कतर और ओमान मिडिल ईस्ट में अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटा है.

मिडिल ईस्ट में वर्तमान में हथियारों के मामले में तुर्किए, ईरान और इजराइल काफी आगे है. तुर्किए और ईरान मुस्लिम बहुल देश है, जबकि इजराइल यहूदी बहुल देश है.

बड़ा सवाल- ब्रह्मोस क्यों है खास?

ब्रह्मोस मिसाइल को रूस और भारत मिलकर बनाता है. इसका नामाकरण भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कोवा नदी के नाम पर रखा गया है. इस मिसाइल की गति Mach 2.8 से 3.0 गुना तक है. यह मिसाइल अपने साथ 3 टन के वॉरहेड को ले जा सकती है. इस मिसाइल को हवा, जमीन और समुंद्र तीनों से लॉन्च किया जा सकता है.

दिलचस्प बात है कि यह मिसाइल कम ऊंचाई पर भी उड़ सकती है. साथ ही यह रडार के पकड़ में भी नहीं आती है. इसके नए वर्जन की रेंज 450 से 800 किमी तक है. इस मिसाइल की कीमत 34 करोड़ रुपए है.

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने इसी मिसाइल के जरिए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. मिसाइल का निशाना इतना सटीक था, कि उन्हीं जगहों का टारगेट किया, जहां पाकिस्तान आतंकियों के टेरर कैंप चल रहे थे.

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