होम विदेश जिस देश के पास है सबसे ज्यादा परमाणु बम बनाने वाला यूरेनियम, वो खुद क्यों हथियार नहीं बना पा रहा?

जिस देश के पास है सबसे ज्यादा परमाणु बम बनाने वाला यूरेनियम, वो खुद क्यों हथियार नहीं बना पा रहा?

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ऑस्ट्रेलिया के पास सबसे ज्याादा यूरेनियम का भंडार है

दुनिया की बड़ी ताकतें इन दिनों दो चीजों को लेकर सबसे ज्यादा फिक्रमंद हैं- परमाणु हथियार और उसका सबसे अहम कच्चा माल, यूरेनियम. हालिया ईरान-इजराइल टकराव इसकी ताजा मिसाल है. 12 दिन तक चली इस जंग में इजराइल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाया, क्योंकि उसे डर था कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है. इस हमले के पीछे सिर्फ इजराइल की सुरक्षा नहीं, एक बड़ी सच्चाई छिपी थी. वो ये कि दुनिया जानती है कि जिसके पास यूरेनियम है, वही न्यूक्लियर ताकत बन सकता है.

यूरेनियम, यानी वो धातु जिससे एक तरफ बिजली पैदा होती है, तो दूसरी तरफ वो बटन भी बनता है, जो पूरे शहर को चंद सेकंड में राख कर सकता है. अब जरा सोचिए, अगर किसी देश के पास दुनिया का सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार हो, तो क्या वो खुद इसका इस्तेमाल नहीं करेगा? पर एक देश है जहां मामला एकदम उल्टा है. इस देश का नाम है ऑस्ट्रेलिया. ऑस्ट्रेलिया के पास दुनिया का सबसे ज्यादा यूरेनियम है, लेकिन न तो वहां कोई न्यूक्लियर पावर प्लांट है, न कोई परमाणु बम. ये वही देश है जो बाकी देशों को यूरेनियम बेचता है, पर खुद उससे न बिजली बनाता है, न हथियार. आखिर क्यों? आइए जानते हैं

दुनिया का सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार

ऑस्ट्रेलिया के पास 1.68 मिलियन टन यूरेनियम है यानी जितना यूरेनियम पूरी दुनिया में है, उसका लगभग एक-तिहाई. फिर भी न तो वहां एक भी न्यूक्लियर पावर प्लांट है, न कोई परमाणु हथियार. सिर्फ इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया अपनी इस कीमती धातु को खुद इस्तेमाल नहीं करता, बल्कि 17% ऊर्जा निर्यात इसी यूरेनियम से करता है. यानी दूसरों को बेचता है.

कौन-कौन सी खानें हैं यूरेनियम की?

ऑस्ट्रेलिया में तीन बड़ी जगहों से यूरेनियम निकाला जाता है- Olympic Dam, Honeymoon और Beverley-Four Mile.इनमें से फिलहाल Olympic Dam और Four Mile ही चल रहे हैं. बाकी या तो बंद हो चुके हैं या फिर मेंटेनेंस मोड में हैं. 2022 में ऑस्ट्रेलिया ने 4,553 टन यूरेनियम का उत्पादन किया, जो कि दुनिया भर के कुल यूरेनियम उत्पादन का 8% है. वो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है.

तो ऑस्ट्रेलिया न्यूक्लियर पावर से दूर क्यों है?

इसकी वजह ऑस्ट्रेलिया का एंटी-न्यूक्लियर मूवमेंट है. 1970 के दशक से वहां आम लोग, एनवायरमेंटल ग्रुप्स और एक्टिविस्ट लगातार परमाणु ऊर्जा और हथियारों का विरोध करते आए हैं. खासकर इसलिए भी क्योंकि देश पहले से ही कोयले पर बहुत ज्यादा निर्भर है. 1972 में फ्रांस के परमाणु परीक्षण और फिर 1976-77 में ऑस्ट्रेलिया के अपने यूरेनियम खनन पर बवाल मचा. Movement Against Uranium Mining और Campaign Against Nuclear Energy जैसे संगठनों ने जमकर विरोध किया. सरकारें बदलीं, पॉलिसियां बदलीं, लेकिन जनता की सोच वही रही कि परमाणु नहीं चाहिए.

और बाकी दुनिया?

दुनिया में आज जिन देशों के पास न्यूक्लियर हथियार हैं, उनमें शामिल हैं अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया. इन सभी देशों ने अपने-अपने तरीके से यूरेनियम को हथियारों में बदला है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया? वो इस लिस्ट में नहीं है जबकि उसके पास सबसे ज्यादा कच्चा माल है.

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