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Snapdeal parent acevector files confidential draft ipo papers with sebi check detail IPO के लिए तैयार स्नैपलडील की पैरेंट कंपनी, गुपचुप तरीके से सेबी को दिया आवेदन, Business Hindi News

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स्नैपडील की पैरेंट कंपनी ऐसवेक्टर ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए गुपचुप तरीके से सेबी को ड्राफ्ट पेपर दिया है। गुरुग्राम की कंपनी- ऐसवेक्टर सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस (SaaS) प्लेटफॉर्म यूनिकॉमर्स और उपभोक्ता ब्रांड निर्माण फर्म स्टेलर ब्रांड्स का भी संचालन करती है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 19 July 2025 05:46 PM

AceVector IPO News: ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस स्नैपडील की पैरेंट कंपनी ऐसवेक्टर ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए गुपचुप तरीके से सेबी को ड्राफ्ट पेपर दिया है। गुरुग्राम की कंपनी- ऐसवेक्टर सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस (SaaS) प्लेटफॉर्म यूनिकॉमर्स और उपभोक्ता ब्रांड निर्माण फर्म स्टेलर ब्रांड्स का भी संचालन करती है। इनमें से यूनिकॉमर्स 2024 में एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी बन गई। कंपनी के आईपीओ को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी और यह इश्यू 168.32 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ था।

लगातार गोपनीय रूट चुन रही हैं कंपनियां

कुणाल बहल और रोहित बंसल द्वारा स्थापित ऐसवेक्टर ने गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग चुना है। यह मार्ग उन भारतीय कंपनियों के बीच लोकप्रिय हो रहा है जो अपनी आईपीओ योजनाओं में थोड़ी राहत चाहती हैं। हाल के महीनों में, आईनॉक्स क्लीन एनर्जी, शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ग्रो, गजा अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट, कॉमर्स इनेबलमेंट प्लेटफॉर्म शिप्रॉकेट, टाटा कैपिटल, एडटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला और वियरेबल्स ब्रांड बोट की इमेजिन मार्केटिंग सहित कई कंपनियों ने गोपनीय फाइलिंग को चुना है। बता दें कि 2024 में, फूड डिलीवरी दिग्गज स्विगी और रिटेल चेन विशाल मेगा मार्ट ने भी इसी तरह की फाइलिंग के बाद अपने आईपीओ जारी किए।

क्या है इसकी वजह

दरअसल, गोपनीय प्री-फाइलिंग प्रक्रिया कंपनियों को ज्यादा नरमी देती है और जल्दी सार्वजनिक होने का दबाव कम करती है। मतलब ये हुआ कि कंपनियों को जल्द से लिस्टिंग का दबाव नहीं रहता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पारंपरिक प्रक्रिया में कंपनियों को सेबी की मंज़ूरी मिलने के 12 महीनों के भीतर अपना आईपीओ लॉन्च करना होता है। वहीं, प्री-फाइलिंग प्रक्रिया इस अवधि को अंतिम टिप्पणियां प्राप्त होने से 18 महीने तक बढ़ा देती है। इसके अतिरिक्त, कंपनियां अपडेटेड डीआरएचपी चरण तक प्राथमिक निर्गम के आकार में 50 प्रतिशत तक बदलाव कर सकती हैं।

ये भी ई-कॉमर्स कंपनियां लिस्टिंग की रेस में

बता दें कि मीशो और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां भी आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में लिस्टिंग का प्रयास कर रही हैं। हाल ही में मीशो ने सेबी को दस्तावेज भी दे दिए हैं। वहीं, अनुमान है कि फ्लिपकार्ट का आईपीओ भी अगले साल तक लॉन्च हो जाएगा।

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