निशिकांत दुबे ने हाल ही में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि हिम्मत है तो वे महाराष्ट्र से बाहर निकलकर देखें। इस बयान पर राज ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बीजेपी सांसद को भी खुली चेतावनी दे दी है।
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर भड़के विवाद के बीच राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शुक्रवार को निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटक के मारेंगे’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर निशिकांत दुबे मुंबई आए तो उन्हें डूबा-डूबा कर मार दिया जाएगा। इस दौरान राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने पर स्कूलों को बंद करवा देने की चेतावनी भी दी है।
मुंबई के पास मीरा भयंदर में एक रैली में राज ठाकरे ने कहा, “एक भाजपा सांसद ने कहा था कि मराठी लोगों को हम यहां पे पटक-पटक के मारेंगे, तुम मुंबई आओ। मुंबई के समुद्र में डूबो-डूबो के मारेंगे।” राज ठाकरे ने आगे कहा है कि मराठी और महाराष्ट्र के लोगों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इससे पहले निशिकांत दुबे ने भाषा पर मचे संग्राम के बीच राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि हिम्मत है तो वे महाराष्ट्र से बाहर निकल कर देखे। निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपने इस बयान को दोहराया भी है।
राज ठाकरे की फडणवीस को चुनौती
रैली में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आगे कहा कि अगर महाराष्ट्र के स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक हिंदी अनिवार्य की गई तो उनकी पार्टी स्कूलों को बंद करवा देगी। राज ठाकरे ने अपने भाषण में फडणवीस को हिंदी अनिवार्य करने को लेकर चुनौती भी दी। उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्होंने एक बार कोशिश की थी, तब हमने दुकानें बंद कर दी थीं, और अब अगर हिंदी थोपी गई तो हम स्कूल बंद कराने से नहीं हिचकिचाएंगे।’’ ठाकरे ने आरोप लगाया कि हिंदी थोपकर सरकार लोगों की प्रतिक्रिया का परीक्षण कर रही है और सरकार आखिर को मुंबई को गुजरात से जोड़ना चाहती है।
महाराष्ट्र के लोगों से अपील
राज ठाकरे ने आगे कहा कि हिंदी महज ‘200 साल पुरानी’ है, जबकि मराठी का इतिहास 2,500-3,000 साल पुराना है। राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि जब गुजरात में बिहार के प्रवासियों को पीटा गया और भगा दिया गया, तो यह कोई मुद्दा नहीं बना, लेकिन महाराष्ट्र में एक छोटी सी घटना राष्ट्रीय मुद्दा बन जाती है। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से सतर्क रहने और हिंदी थोपने की सरकार की किसी भी योजना को साजिश को सफल ना होने देने की अपील भी की।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल ही में कड़े विरोध के बाद प्राथमिक स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने वाले आदेश वापस ले लिए थे। हालांकि फडणवीस ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि सरकार तीन भाषा की नीति जरूर लागू करेगी, लेकिन हिंदी कक्षा एक से पढ़ाई जाए या कक्षा पांच से इस पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया जाएगा।