अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अमेरिका ने दुनियाभर में टैरिफ वार छेड़ रखा है. पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ का ऐलान किया था. इसके साथ ही अपनी डेडलाइन को 1 अगस्त तक लिए बढ़ा दिया था. भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है. इस बीच अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को बताया है कि भारत के पास स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटोमोबाइल पर अमेरिकी टैरिफ के बदले में टैरिफ लगाने का कोई “कानूनी आधार” नहीं है.
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की बातचीत के बीच, दोनों देशों में WTO में टैरिफ को लेकर विवाद है. अमेरिका ने अपने टैरिफ का बचाव करते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं. भारत ने कहा है कि इन उपायों से अमेरिका को 7.6 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात प्रभावित होंगे.
कोई कानूनी आधार नहीं’- अमेरिका
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत के बीच, अमेरिका का कहना है कि भारत के पास WTO में जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है. अमेरिका का ये बयान भारत के उस रियेक्शन के बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी सुरक्षा उपायों से अमेरिका को 7.6 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात पर असर पड़ेगा, जिससे 3.82 अरब डॉलर का शुल्क संग्रह होगा. इसके अलावा, भारत ने कहा है कि इन उपायों से 2.89 अरब डॉलर मूल्य के ऑटोमोबाइल उत्पादों का आयात प्रभावित होगा.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) को सूचित किया है कि भारत के पास सुरक्षा उपायों की आड़ में स्टील, एल्युमीनियम और ऑटोमोबाइल पर अमेरिकी शुल्कों के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का सुझाव देने के लिए वैध आधार नहीं हैं.
भारत-अमेरिका WTO विवाद
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत लंबे समय से चल रही है. हालांकि इसको अब तक फाइनल रुप नहीं दिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इसका फाइनल रुप तैयार हो सकता है. हालांकि इस डील में WTO विवाद भी है. साल 2018 में अमेरिका ने स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत टैक्स लगाया था.
इसके बाद, 10 फरवरी, 2025 को, अमेरिका ने स्टील और एल्युमीनियम आयात पर इन सुरक्षात्मक उपायों में बदलाव किया और इन्हें 12 मार्च से लागू किया. इसके अलावा ऑटो मोबाइल पर 25 प्रतिशत टैक्स जारी रखा.
इस दौरान अमेरिका ने अपने टैरिफ का बचाव करते हुए कहा कि ये आवश्यक हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधानों के तहत एक महत्वपूर्ण सुरक्षा छूट के रूप में संरक्षित हैं. अमेरिका ने कहा कि इन उपायों से संबंधित रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने के भारत के सुझाव का कोई कानूनी आधार नहीं है.
जल्द हो सकती है भारत अमेरिका में डील
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में कई बार संकेत दिया है कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है. रिपोर्टों से पता चलता है कि अमेरिका भारत को 20% से कम टैरिफ दरों की पेशकश कर रहा है. हालांकि पूरी बातचीत कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर फंसी हुई है.