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FTO और SDGT आतंकी संगठन में क्या है अंतर? पहलगाम में हमला करने वाले TRF पर अमेरिका ने लिया एक्शन

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अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई के लिए दो प्रमुख श्रेणियां बनाई हैं- FTO और SDGT.

अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी आतंकी संगठन TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट को आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. इस संगठन ने ही पहलगाम ने आतंकी हमला किया था. यह फैसला न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश है. यूएस सेक्रेटरी मार्को रुबियो ने बीते गुरुवार को जारी एक बयान में इस आशय की घोषणा की. लिखित रूप से जारी इस बयान में Foreign Terrorist Organization (FTO) और Specially Designated Global Terrorist (SDGT) की चर्चा की गयी है.

आइए, अमेरिका की इसी पहल के बहाने जानते हैं कि FTO और SDGT आतंकी संगठन में क्या अंतर है? इन दोनों सूची में कौन-कौन से आतंकी संगठन शामिल हैं और क्यों?

आतंकवाद आज सबसे बड़ी वैश्विक चुनौतियों में से एक है. विभिन्न देशों की सरकारें और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं आतंकवाद से निपटने के लिए कई तरह के कानून और नीतियां बनाती हैं. अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों की पहचान और उन पर कार्रवाई के लिए दो प्रमुख श्रेणियां बनाई हैं- FTO और SDGT.

इन दोनों श्रेणियों का उद्देश्य आतंकवाद को रोकना और उससे जुड़े लोगों व संगठनों पर आर्थिक, कानूनी और कूटनीतिक दबाव बनाना है. लेकिन इन दोनों में क्या अंतर है, कौन-कौन इसमें शामिल हैं और इन्हें क्यों शामिल किया जाता है, यह जानना जरूरी है.

फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन (FTO) क्या है?

FTO यानी विदेशी आतंकवादी संगठन, अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा नामित ऐसे संगठन होते हैं, जो अमेरिका के बाहर स्थित हैं और जिनकी गतिविधियां आतंकवाद की श्रेणी में आती हैं. इन्हें अमेरिकी कानून के तहत “Immigration and Nationality Act” (INA) की धारा 219 के अंतर्गत नामित किया जाता है. अमेरिका किसी संगठन को तभी इस श्रेणी में रखता है जब ये संगठन विदेशी हों. आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हो या आतंकवाद में संलिप्त होने की क्षमता रखता हो. इनकी गतिविधियां अमेरिका के नागरिकों या अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा (रक्षा, विदेश नीति, आर्थिक हित) के लिए खतरा होनी चाहिए.

FTO घोषित होने के बाद उस संगठन के साथ किसी भी तरह का आर्थिक, तकनीकी या अन्य सहयोग अमेरिकी नागरिकों के लिए गैरकानूनी हो जाता है. साथ ही, उस संगठन की अमेरिका में मौजूद संपत्ति जब्त की जा सकती है और उसके सदस्यों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होती.

स्पेशियली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) क्या है?

SDGT यानी विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी, अमेरिकी वित्त मंत्रालय के Office of Foreign Assets Control (OFAC) द्वारा नामित किए जाते हैं. SDGT की श्रेणी में न केवल संगठन, बल्कि व्यक्ति, कंपनियां, नेटवर्क आदि भी शामिल किए जा सकते हैं. SDGT घोषित करने का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों की आर्थिक गतिविधियों को रोकना है.

SDGT घोषित होने के बाद उस व्यक्ति, संगठन या कंपनी की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियां और आर्थिक संसाधन जब्त कर लिए जाते हैं. साथ ही, अमेरिकी नागरिकों और कंपनियों के लिए उनके साथ किसी भी तरह का लेन-देन करना गैरकानूनी हो जाता है. SDGT सूची में शामिल करने के लिए यह जरूरी नहीं कि वह संगठन या व्यक्ति अमेरिका के लिए ही खतरा हो, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद में संलिप्तता ही काफी है.

Who Listed In Fto And Sdgt

FTO और SDGT में मुख्य अंतर क्या है?

  • FTO और SDGT दोनों ही आतंकवाद से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों पर कार्रवाई के लिए बनाए गए हैं, लेकिन इनमें कुछ प्रमुख अंतर इस प्रकार हैं.
  • FTO की घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्रालय करता है, जबकि SDGT की घोषणा अमेरिकी वित्त मंत्रालय (OFAC) करता है.
  • FTO मुख्य रूप से संगठनों पर केंद्रित है, जबकि SDGT में व्यक्ति, संगठन, कंपनियाँ, नेटवर्क आदि सभी शामिल हो सकते हैं.
  • FTO के तहत संगठन के सदस्यों की अमेरिका में घुसपैठ, आर्थिक लेन-देन और संपत्ति पर रोक लगती है. SDGT के तहत संपत्ति जब्ती और आर्थिक प्रतिबंध ज्यादा व्यापक होते हैं.
  • FTO के लिए संगठन का विदेशी होना और अमेरिका के लिए खतरा होना जरूरी है, जबकि SDGT के लिए वैश्विक आतंकवाद में संलिप्तता ही काफी है्

इन्हें क्यों शामिल किया जाता है?

FTO और SDGT सूची में किसी संगठन या व्यक्ति को शामिल करने के पीछे मुख्य उद्देश्य आतंकवाद को आर्थिक, कानूनी और कूटनीतिक रूप से कमजोर करना है. जब किसी संगठन या व्यक्ति को इन सूचियों में डाला जाता है, तो उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है. उनके साथ किसी भी तरह का आर्थिक लेन-देन गैरकानूनी हो जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके खिलाफ कार्रवाई करना आसान हो जाता है. अन्य देश भी ऐसे संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए प्रेरित होते हैं. आतंकवादियों की फंडिंग और नेटवर्किंग पर सीधा असर पड़ता है.

FTO और SDGT दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के महत्वपूर्ण औजार हैं. इन सूचियों के जरिए आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों की आर्थिक, कानूनी और सामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है. हालांकि, इन सूचियों में शामिल करने की प्रक्रिया और प्रभाव अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों का अंतिम उद्देश्य आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है. जागरूक नागरिक के तौर पर हमें भी यह समझना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केवल सैन्य या पुलिस कार्रवाई ही नहीं, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक दबाव भी उतना ही जरूरी है.

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