अमेरिका में भारतीय मूल का नागरिक गिरफ्तार. (सांकेतिक तस्वीर)
अमेरिका में भारतीय मूल के एक नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. उसके ऊपर आरोप है कि उसने फर्जी रॉबरी यानी डकैती दिखाकर सैकड़ों भारतीयों को वीजा दिलाने में मदद की है. इस एक दशक से चल रहे आव्रजन घोटाले में अमेरिका के कई बड़े नाम भी शामिल हैं. आरोप लगाया गया है कि चंद्रकांत पटेल नाम का शख्स वीजा दिलाने के लिए पुलिस को 5 हजार डॉलर यानी 4 लाख तीस हजार रुपए की रिश्वत देता था.
दरअसल, मामले को लेकर अधिकारियों ने एक अभियोग में आरोप लगाया है कि लुइसियाना के पुलिस प्रमुखों, एक मार्शल और एक सबवे शॉप ऑपरेटर के एक ग्रुप ने लगभग एक दशक तक मिलकर फर्जी पुलिस रिपोर्ट तैयार की ताकि सैकड़ों लोग अपराध पीड़ितों के लिए डिजाइन किए गए वीजा के लिए अप्लाई कर सकें. लुइसियाना में चंद्रकांत पटेल सबवे शॉप ऑपरेटर है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और शॉप ऑपरेटर पर 16 जुलाई को सामने आए एक फेडरल ग्रैंड जूरी अभियोग में 62 आरोप लगाए गए थे. लुइसियाना के पश्चिमी जिले के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी अलेक्जेंडर सी. वैन हुक ने कहा कि इन आरोपों में साजिश, आव्रजन धोखाधड़ी, डकैती, मेल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं. इन पांच कथित सह-षड्यंत्रकारियों को 15 जुलाई को बिना किसी घटना के गिरफ्तार कर लिया गया.
कैसे चलता था फर्जीवाड़े का खेल?
वैन हुक ने बताया कि कम से कम साल 2015 के आखिरी से यू वीजा चाहने वाले लोग सबवे ऑपरेटर के मालिक चंद्रकांत लाला पटेल को हजारों डॉलर देकर अमेरिका में धोखाधड़ी से वीजा हासिल करते थे. पटेल रिश्वत मिलने के बाद कानून प्रवर्तन अधिकारियों को पैसे देता था और उनका नाम पुलिस की फर्जी रिपोर्ट में दर्ज करवाता था. इसके लिए वीजा चाहने वालों को सशस्त्र डकैतियों का शिकार बताया जाता था ताकि वे वीजा के लिए योग्य हो सकें.
एफबीआई के न्यू ऑरलियन्स ऑफिस के स्पेशल एजेंट जोनाथन टैप का कहना है कि वह हम उम्मीद करते हैं कि कानून प्रवर्तन अधिकारी जनता की रक्षा करेंगे और उनके विश्वास का सम्मान करेंगे, न कि उस विश्वास और अपने सम्मान को निजी लाभ के लिए बेचेंगे. वैन हुक ने कहा कि हालांकि कानून प्रवर्तन में शामिल अभियुक्त भ्रष्ट थे, लेकिन जनता को अपने समुदायों में शेष कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बारे में चिंतित होने का कोई कारण नहीं है. वैन हुक ने कहा कि हम यह आरोप नहीं लगा रहे हैं कि ये भ्रष्ट पुलिस विभाग हैं.
वीजा धोखाधड़ी में कौन-कौन शामिल था?
अभियोजकों ने कहा कि इस धोखाधड़ी वाले वीजा मामले में लुइसियाना के चार केंद्रीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों और एक व्यवसायी पर आरोप लगाए गए हैं. इनमें चंद्रकांत “लाला” पटेल के अलावा, लुइसियाना शहर के पुलिस प्रमुख चाड डॉयल, लुइसियाना में वार्ड 5 मार्शल कार्यालय के मार्शल माइकल “फ्रेक” स्लेनी, लुइसियाना शहर के पुलिस प्रमुख ग्लिन डिक्सन और लुइसियाना शहर के पूर्व पुलिस प्रमुख टेबो ओनिशिया शामिल थे.
अगर ये आरोपी दोषी पाए जाते हैं, तो साजिश रचने के लिए पांच साल तक की जेल, वीजा धोखाधड़ी के लिए 10 साल और मेल फ्रॉड के लिए 20 साल तक की जेल हो सकती है. पटेल को रिश्वतखोरी के लिए भी 10 साल तक की जेल हो सकती है. उन्हें हर मामले में 250,000 डॉलर तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.