पृथ्वी-2 कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 350 KM तक मार कर सकती है। वहीं अग्नि-1 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। अग्नि-1 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि पृथ्वी-2 का परीक्षण चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया।
भारत ने गुरुवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। बयान में कहा गया है, ‘‘इन प्रक्षेपणों ने सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया। ये परीक्षण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए।’’
अग्नि-1 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि पृथ्वी-2 का परीक्षण कुछ समय बाद चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड संख्या-3 से किया गया। पृथ्वी-2 कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 350 किलोमीटर तक मार कर सकती है। वहीं अग्नि-1 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे सामरिक बल कमान के तत्वावधान में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
पृथ्वी-II की खूबियां
पृथ्वी-II एक सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। इसकी मारक क्षमता लगभग 250-350 किलोमीटर है। यह पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है। इसमें लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया गया है। यह मिसाइल दुश्मन देश पर सटीक निशाना लगाने के लिए उन्नत नेविगेशन सिस्टम से लैस है।
अग्नि-I की खासियत क्या?
अग्नि-I एक छोटी से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता लगभग 700-900 किलोमीटर है। पृथ्वी श्रृंखला और लंबी दूरी की अग्नि मिसाइलों के बीच की खाई को पाटने के लिए एक रणनीतिक हथियार प्रणाली के रूप में इसे डिजायन किया गया है। यह सड़क मार्ग और और रेल मार्ग से कहीं भी ले जाया जा सकता है। ये मिसाइल 1,000 किलोग्राम पेलोड ले जाने में सक्षम है। अग्नि-I परमाणु क्षमता से भी लैस है और भारत की विश्वसनीय न्यूनतम निवारक क्षमता का एक प्रमुख घटक है।
पाकिस्तान-चीन को क्यों रहना चाहिए खबरदार
पृथ्वी-II जहां 350 किलोमीटर तक तो अग्नि-I 700 से 900 किलोमीटर तक अंदर घुसकर निशाना साध सकती है। बता दें कि पाकिस्तान के लगभग सभी बड़े शहर मसलन इस्लामाबाद, लाहौर, फैसलाबाद, रावलपिंडी, पेशावर, गुजरांवाला, मुल्तान और क्वेटा समेत अन्य शहर इसकी जद में आते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना का पराक्रम देख चुकी पूरी दुनिया को यह बताने की जरूरत नहीं है कि अगर पाकिस्तान ने फिर कभी ऐसी हिमाकत की तो उसका अंजाम क्या होगा? वहीं पड़ोसी देश चीन के भी कई शहर इन मिसाइलों की रेंज में आते हैं।