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सीरिया पर हमलों से बौखलाया ईरान, अब इजराइल की घेराबंदी का प्लान

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मिडिल ईस्ट में हालात फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं. इस बार सीरिया पर इजरायल ने भीषण हमले किए हैं, जिससे ईरान बौखला गया है. हालात इतने गंभीर हैं कि ईरान ने प्रॉक्सी गुटों को इजरायल की घेराबंदी का फरमान जारी कर दिया है, जबकि इजरायल ने सीरिया में तबाही मचाकर संकेत दे दिया है कि अब अगला नंबर ईरान का है.इजरायल की प्लानिंग है कि सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा करके गोलन हाइट्स का विस्तार किया जाए फिर उस जमीन का इस्तेमाल सुरक्षा चक्र बनाने के लिए किया जाए.यानी इजरायल ईरान पर हमले करे. अगर ईरान पलटवार करे तो मिसाइलें सीरिया पार ना कर पाएं. आखिर कैसे इजरायल सीरिया को बैटल ग्राउंड बनाने जा रहा है इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में जानिए.

इजराइल सीरिया पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है, जितने हमले सीरिया पर हो रहे थे.उतनी बौखलाहट ईरान की बढ़ती जा रही थी. अल शारा को मारने की धमकी से खामेनेई की बेचैनी बढ़ने लगी है.सीरिया में तबाही से इजरायल का मंसूबा खामेनेई को समझ आ चुका है. माना जा रहा है कि सीरिया पर हमला तो सिर्फ बहाना है.असली मकसद ईरान को तबाह करना है. इजरायल सीरिया को लेकर अचानक से उग्र नहीं हुआ है.बल्कि ये उसकी प्लानिंग का हिस्सा है.

सीरिया पर हमले की वजह समझिए

सीरिया पर इजराइल के हमले की पहली वजह है राष्ट्रपति अल शारा को कंट्रोल में लेना, दूसरा मकसद गोलन हाइट्स का विस्तार है, तीसरा मकसद है ईरान के प्रॉक्सी गुटों को विस्तार से रोकना और चौथा कारण है हिजबुल्लाह की हथियार सप्लाई का रूट काटना, पांचवीं और सबसे बड़ी वजह है सीरिया को अपने डिफेंस जोन की तरह इस्तेमाल करना. दरअसल सीरिया पर हमले करने से इजरायल ईरान पर हमले का रोडमैप तैयार कर रहा है. एक बार ईरानी प्रॉक्सी को कंट्रोल कर लिया जाए फिर सीरिया के एयरस्पेस का इस्तेमाल करके ईरान में तबाही मचाई जाए.

सीरिया में मिलिट्री बेस बनाना चाहता है इजराइल

इजरायल के सीरिया में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की सबसे बड़ी वजह है कि ईरान के हमले रोके जाएं. इसके लिए दक्षिणी सीरिया पर कब्जा करना चाहता है और वहां मिलिट्री बेस बनाना चाहता है, जिससे डिफेंस सिस्टम लगाकर ईरान के हमलों को रोका जा सके. इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री काट्ज अमेरिकी दौरे पर गए हैं, जिससे ट्रंप को मनाकर ईरान पर हमले के लिए ग्रीन सिग्नल लिया जा सके और एक बार ईरान पर हमला हो गया तो अल्पमत में आई बेंजामिन की सरकार से संकट टल सकता है. इसीलिए बेंजामिन पूरी ताकत से सीरिया पर हमले करके ईरान में तबाही का रूट तैयार कर रहे हैं.

सीरिया पांच देशों तुर्किए, जॉर्डन, इजराइल, लेबनान और इराक से घिरा है.

गोलन हाइट्स है 15 हजार वर्ग किमी का इलाका

गोलन हाइट्स का विस्तार करके इजरायल नया सुरक्षा घेरा बनाने जा रहा है, इसके लिए पूरे दक्षिणी सीरिया पर कब्जे की तैयारी है
मौजूदा गोलन हाइट्स से दमिश्क तक विस्तार करने की प्लानिंग है. दरअसल दक्षिण सीरिया में 15000 वर्ग किमी. इलाका है, जो कुल सीरिया का तकरीबन 8 फीसद है.इसी इलाके में डिफेंस जोन बनाकर ईरान विध्वंस की तैयारी की जा रही है. दक्षिणी सीरिया में ईरान के हमले रोकने को सुरक्षा घेरा बना जाएगा. ईरान से जो मिसाइलें आएंगीं उन्हें यहीं पर रोक लिया जाएगा. इसके लिए दक्षिणी सीरिया में डिफेंस सिस्टम लगाए जाएंगे. यानी हमले से पहले ही इंटरसेप्ट होंगे ईरानी मिसाइल-ड्रोन.इसके अलावा फाइटर जेट से भी हमले रोक पाएगा इजरायल. दक्षिण सीरिया में एयरबेस बनाकर हमले रोके जाएंगे. यहीं से ईरान पर हमले होंगे.

ईरान ने किया था तगड़ा पलटवार

13 जून ईरान पर इजरायल ने हमला किया, लेकिन ईरान ने पूरी ताकत से पलटवार किया. इससे बेंजामिन नेतन्याहू को ये तो समझ आ गया कि वो दुश्मन को जितना कमजोर मानकर चल रहे थे.ईरान उतना कमजोर नहीं है. बल्कि पिछले 10 साल में ईरान ने खुद को काफी मजबूत बना लिया है. इसी वजह से ईरान ने लंबी दूरी की मिसाइल से इजरायल के हाइफा और तेल अवीव तक हमले किए.अब ईरान लंबे युद्ध की तैयारी कर रहा है. इसके लिए लगातार प्रॉक्सी गुटों को मजबूत कर रहा है.

ईरान ने बढ़ाया मिसाइलों का प्रोडक्शन

एक तऱफ मिसाइलों का प्रोडक्शन बढ़ा रहा है, जबकि उसके ड्रोन रूस तक सप्लाई हो रहे हैं. ईरान के पास इजरायल तक हमले वाली रेंज की मिसाइलें भी हैं और लॉन्ग रेंज ड्रोन भी इन्हीं हथियारों की खेप वो ईरानी प्रॉक्सी को भेजता रहा है. अभी सीरिया में जिन विद्रोही संगठनों के ठिकाने हैं, जिन तक ईरान हथियार पहुंचाता है वो हैं हिज्बुल्लाह, कतैब हिज्बुल्लाह, फातमियां ब्रिगेड, जैनबियां ब्रिगेड, कुद्स फोर्स. ये सीरिया में अलग-अलग इलाकों में सक्रिय हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दबदबा दक्षिणी सीरिया में है. जिससे इजरायल की घेराबंदी की जा सके. क्योंकि लेबनान से हिज्बुल्लाह. यमन से हूती और गाजा से हमास एक्टिव है. ऐसे में सीरिया की तरफ से इजरायल पर हमले कराकर इजरायल को हर फ्रंट पर ईरान फंसा रहा है.

Israel Attack Syria

इजराइल ने सीरिया पर अटैक किया

हिजबुल्लाह तक पहुंचने का रूट तोड़ना चाहता है इजरायल

सीरिया के बड़े हिस्से पर कंट्रोल चाहता है इजरायल, जिससे हिज्बुल्लाह तक पहुंचने वाले रूट को तोड़ा जा सके. लेबनान तक ईरान से IRGC की सुरक्षा में इराक तक पहुंचाए जाते हैं. इराक से आगे सप्लाई रूट सीरिया तक होता है. जहां प्रॉक्सी ट्रक की सुरक्षा करने लग जाते हैं. पूरे रास्ते प्रॉक्सी गुट मदद करते हैं.उससे आगे सीरिया में हिज्बुल्लाह लड़ाके हथियारों से भरे ट्रक की सीरिया में एंट्री कराते हैं.
जिससे आगे लेबनान में हथियारों को ले जाया जाता है और अंडरग्राउंड ठिकानों में हथियार छिपा दिए जाते हैं ये अभी तक सबसे सुरक्षित रास्ता है, जिसे इजरायल तबाह कर देना चाहता है.

इजराइल को घेरने की तैयारी

सीरिया पर इजरायल के हमलों से ईरान चौकन्ना हो चुका है. उसने हथियार सप्लाई रोक दी है.साथ ही हूती-हमास और हिज्बुल्लाह को एक्टिव किया जा रहा है, जिससे इजरायल की घेराबंदी की जा सके. एक तरफ इजरायल पर हूती ने मिसाइलें दागीं. तो इराक में अमेरिकी तेल के कुएं पर भी हमला हुआ.इसी दौरान ईरान के सुप्रीम लीडर ने भी धमकी देकर अपने मंसूबे जाहिर कर दिए कि ईरान अब हर परिस्थिति के लिए तैयार है. हूती को सप्लाई होने वाले हथियारों की धरपकड़ के अलावा ईरान में तीन जगहों पर आगजनी हुई, क्योंकि अभी तक आग के कारणों का पता नहीं लग पाया है, लेकिन इसे इजरायल के हमले माना जा रहा है.

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