होम राजनीति Bihar Free Electricity: सियासत का बदला दौर तो नीतीश कुमार भी अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी यादव हो गए!

Bihar Free Electricity: सियासत का बदला दौर तो नीतीश कुमार भी अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी यादव हो गए!

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Bihar Free Electricity: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते दो दशकों से मुफ्तखोरी की सियासत से परहेज करते रहे, लेकिन अब बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा कर उन्होंने सबको चौंका दिया है. बता दें कि 2022…और पढ़ें

बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा करने पर नीतीश कुमार के नीतिगत निर्णय को लेकर सवाल उठ रहे .

हाइलाइट्स

  • 2022 में अरविंद केजरीवाल की मुफ्त बिजली योजना को नीतीश कुमार ने ‘गलत काम’ कहा था.
  • तेजस्वी यादव के ‘फ्री बीज’ के वादों और AAP की बिहार में चुनावी तैयारी देख नीतीश का यू टर्न!
  • लोकलुभावन घोषणा को लेकर नीतीश का यह कदम उनकी नीतिगत विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते दो दशक से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं और अब तक अपनी सियासत को ऐसी ‘फ्री बीज पॉलिटिक्स’ से किनारे कर रखा था जो ‘मुफ्तखोरी’ को बढ़ावा दे. सीएम नीतीश ऐसी सियासत के कितने खिलाफ रहे हैं यह बात तब भी सामने आयी थी जब वह इंडिया अलायंस का हिस्सा थे, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फ्री बीज की राजनीति का विरोध किया था. तब अरविंद केजरीवाल लगातार बिजली मुफ्त देने की घोषणा कर रहे थे और इसको दिल्ली चुनाव में भी उन्होंने मुद्दा बनाया था और जीत प्राप्त की थी. पंजाब और गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) 300 यूनिट प्रति महीने मुक्त बिजली देने का वादा किया. इसके साथ ही वह इसे पूरे देश स्तर पर लागू करने की मांग करते रहे थे. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तब इसे बेमतलब का कहा था.

बात 2022 की है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुफ्त बिजली योजना पर बिना नाम लिये तीखा तंज कसा था. नीतीश कुमार ने मुफ्त बिजली की अवधारणा को ‘गलत काम’ करार देते हुए कहा था कि यह दीर्घकालिक विकास के लिए हानिकारक है. उन्होंने पटना में एनर्जी पार्क में ऊर्जा योजनाओं के शुभारंभ के दौरान यह टिप्पणी की थी. नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल पर क्या टिप्पणी की थी यह भी जानिये. उन्होने स्पष्ट शब्दों में कहा था, कुछ लोग अनाप-शनाप बोलते रहते हैं. मुफ्त बिजली का कोई मतलब नहीं. बिजली की कीमत को समझना चाहिए. अगर आप मुफ्त बिजली देंगे, तो लोगों को कैसे पता चलेगा कि उनके पास बिजली है या नहीं?

नीतीश कुमार का तंज बस यूं ही था!

तब नीतीश कुमार ने यह भी दावा किया कि बिहार सरकार दिल्ली से अधिक बिजली सब्सिडी देती है. उनके इस दावे की पुष्टि आधिकारिक आंकड़े भी करते हैं. इसके अनुसार, 2021-22 में बिहार ने मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत 6,043 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने लगभग 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी. नीतीश ने बिहार में 24 घंटे बिजली आपूर्ति पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराती है न कि मुफ्त.  नीतीश कुमार इस नीतिगत बात को लेकर इतने सख्त थे कि उन्होंने केंद्र सरकार से ‘एक राष्ट्र, एक टैरिफ’ नीति की मांग भी दोहराई थी, ताकि सभी राज्यों को समान दरों पर बिजली मिले. तब नीतीश ने केजरीवाल की मुफ्त बिजली नीति को दिल्ली में ‘काम नहीं होने’ का प्रतीक बताकर तंज भी कसा था.

नीतीश कुमार का यू-टर्न चौंका गया

जानकारों की नजर में यह तंज केवल नीतिगत असहमति तक सीमित नहीं थी. नीतीश कुमार की टिप्पणी में केजरीवाल की लोकलुभावन राजनीति पर सवाल उठाने की कोशिश थी जिसे वे ‘मुफ्तखोरी’ बढ़ाने वाला मानते थे. नीतीश ने सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया, जबकि केजरीवाल की दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली और पंजाब में 300 यूनिट की योजना को उन्होंने अव्यवहारिक बताया था. हालांकि, अब तीन साल बाद ही 2025 में विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले उनका 125 यूनिट मुफ्त बिजली का ऐलान उनके 2022 के रुख से यू-टर्न माना जा रहा है.

सियासी दबाव में झुक गए नीतीश कुमार?

सोशल मीडिया में कई यूजर्स ने इसे केजरीवाल स्टाइल की राजनीति और तेजस्वी यादव के लगातार ‘फ्री बीज’ के वादों का असर बताया, क्योंकि AAP ने भी बिहार में चुनाव लड़ने की घोषणा की है और सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है. नीतीश कुमार का ‘मुफ्तखोरी’ पर यह तंज और बाद का यू-टर्न नीतीश की सियासी रणनीति और चुनावी दबाव को ही बताता है. जिस बात को लेकर उन्होंने पहले केजरीवाल की नीति की आलोचना की, लेकिन अब उसी दिशा में कदम उठा लिया. जिस मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव की समझ पर सवाल उठाते रहे अब उनकी घोषणाओं को अपनी सरकार में पूरा करने के लिए कदम उठा लिया.

नीतिगत विश्वसनीयता पर उठे सवाल

बहरहाल, जिस नीतीश कुमार ने 2022 में केजरीवाल की मुफ्त बिजली योजना को अव्यवहारिक और गलत बताकर तंज कसा था आज तीन साल बाद खुद ऐसी ही फ्री बिजली योजना लागू कर अपनी सियासी रणनीति बदल ली. यह कदम न केवल उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि नीतिगत निर्णयों और सिद्धांतों की राजनीति से किनारा करने की स्थिति को भी बताता है.

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Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट…और पढ़ें

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