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भारत के पड़ोस में अजरबैजानियों की बढ़ गई डिमांड, पाकिस्तान के बाद चीन ने खोला दिल

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चीन ने अपनी वीजा नीति में ऐतिहासिक बदलाव किया है.

भारत के खिलाफ खुलकर पाकिस्तान का साथ देने वाला अजरबैजान के नागरिकों की चीन में डिमांड बढ़ गई है. पहले पाकिस्तान से सामरिक और ऊर्जा साझेदारी और अब चीन की तरफ से तोहफा भी मिला है. दरअसल चीन ने पर्यटन और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए अपनी वीजा नीति में ऐतिहासिक बदलाव किया है.

अब 16 जुलाई से अज़रबैजान को भी उस सूची में शामिल कर लिया जाएगा, जिससे 75 देशों के नागरिक 30 दिन तक चीन में बिना वीजा रह सकेंगे. ये बदलाव चीन के सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देने की कोशिश का हिस्सा है.

बढ़ती संख्या में वीजा-फ्री पर्यटक

चीन की नेशनल इमिग्रेशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, 2024 में 2 करोड़ से ज्यादा विदेशी पर्यटक बिना वीजा चीन पहुंचे जो कुल आगमन का लगभग एक-तिहाई है और 2023 की तुलना में दोगुना है. पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय टूर गाइड अब काम के दबाव में हैं. कई नए लोगों को ट्रेनिंग देने का काम शुरु किया गया है.

यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका और मिडिल ईस्ट को राहत

चीन ने दिसंबर 2023 में फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, स्पेन और मलेशिया को वीज़ा-फ्री लिस्ट में शामिल किया था. अब तक लगभग पूरा यूरोप, लैटिन अमेरिका के पांच देश, और मिडिल ईस्ट के चार देश इस सुविधा में शामिल हो चुके हैं. हालांकि, इनमें से लगभग दो-तिहाई देशों के लिए यह एक साल की ट्रायल सुविधा है.

अमेरिका और कनाडा जैसे देशों को 10 दिन की ट्रांजिट एंट्री

अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, स्वीडन, रूस जैसे 10 देशों के नागरिकों को यदि वे चीन होते हुए किसी तीसरे देश की यात्रा करें तो वे 10 दिनों तक चीन में बिना वीज़ा रुक सकते हैं. हालांकि, यह सुविधा केवल 60 एंट्री पोर्ट्स पर लागू है. चीन और अफ्रीका के मजबूत राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों के बावजूद, किसी भी प्रमुख अफ्रीकी देश को अभी वीज़ा-फ्री एंट्री की सुविधा नहीं दी गई है.

पर्यटन कारोबारियों की प्रतिक्रिया

बीजिंग की लक्ज़री ट्रैवल कंपनी WildChina की डायरेक्टर के अनुसार बिज़नेस में महामारी से पहले की तुलना में अब 50% की बढ़त है. उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि अमेरिकी पर्यटक अभी भी 30% हिस्सेदारी रखते हैं, लेकिन यूरोपीय ग्राहक अब 15-20% तक पहुंच चुके हैं, जो 2019 से पहले 5% भी नहीं थे. चीन की नई वीज़ा नीति से पर्यटन और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. अज़रबैजान को शामिल करना इसकी ताज़ा मिसाल है, जबकि बाकी देशों के लिए यह नीति चीन की सॉफ्ट पावर रणनीति का अहम हिस्सा बन रही है.

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