मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में आज 21 सेंटीमीटर से अधिक की अत्यंत भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है। 5 से 10 जुलाई तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और विदर्भ क्षेत्रों में बदरा बरसेंगे।
देश के कई हिस्सों में मॉनसूनी बारिश हो रही है। भारी बरसात के चलते कुछ जगहों पर तबाही भी देखने को मिली है। बारिश और आंधी-तूफान का यह सिलसिला अभी जारी रहने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मॉनसून ट्रफ सामान्य स्थिति में है। पूर्वी मध्य प्रदेश में निचले स्तर पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। गंगीय पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों में भी निचले व मध्य स्तर पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा गया है। इन मौसमी प्रणालियों के प्रभाव से पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में अगले 7 दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश होगी। ऐसे में आपको पहले से सतर्क हो जाने की जरूरत है।
पूर्वी मध्य प्रदेश में आज कुछ स्थानों पर 21 सेमी से अधिक अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और विदर्भ में 5 से 10 जुलाई के बीच अलग-अलग दिनों पर भारी बारिश की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 5 से 10 जुलाई के बीच भारी बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश में 6 जुलाई को अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों में 6 और 7 जुलाई को अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। अगले सात दिनों तक बारिश के साथ गरज, बिजली और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
हिमाचल-उत्तराखंड में बारिश ने बरपाया कहर
देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। पिछले दो सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में 43 लोगों की मौत हो गई, जबकि 37 अन्य लोग लापता हैं। गुरुवार को उत्तराखंड के भीमताल में उफनती झील में भारतीय वायुसेना के 2 कर्मी डूब गए। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के निवासियों को शुक्रवार को भी कई निचले इलाकों में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। जल निकासी व्यवस्था ठप होने के कारण भुवनेश्वर नगर निगम को बारिश का पानी निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने 20 जून को दस्तक दी। बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य को अब तक 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। राज्य में जान गंवाने वाले 43 लोगों में से 14 की मौत बादल फटने से, 8 की अचानक आई बाढ़ में और एक की मौत भूस्खलन में हुई, जबकि सात लोगों की डूबने मौत हुई। सबसे अधिक 17 मौतें मंडी जिले में हुईं, जहां मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। अधिकारियों ने बताया कि मंडी जिले से लापता 31 लोगों की तलाश अब भी जारी है। स्थानीय मौसम विभाग ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें शनिवार से मंगलवार तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी
राजस्थान में दक्षिण पश्चिम मॉनसून की तेज बारिश का दौर जारी है। पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 128 मिलीमीटर बारिश पोकरण में हुई। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अनेक भागों में तेज बारिश का दौर अभी जारी रहेगा। पिछले चौबीस घंटे की अवधि में राज्यभर, खासतौर पर पश्चिमी राजस्थान में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश हुई। इस दौरान सबसे अधिक बारिश पोकरण में 128 मिलीमीटर हुई। आईएमडी के अनुसार, पूर्वी राजस्थान के कोटा, अजमेर, जयपुर, भरतपुर, उदयपुर संभाग के कुछ भागों में आगामी चार-पांच दिन बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। कहीं-कहीं भारी/अतिभारी बारिश की संभावना है। वहीं जोधपुर, बीकानेर संभाग के कुछ भागों में भी आगामी दो-तीन दिन मध्यम व कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है।
मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश
मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश से शुक्रवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। आईएमडी ने राज्य के पूर्वी हिस्से में मंडला, सिवनी और बालाघाट जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 27 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। बारिश के कारण जबलपुर और मंडला जिलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन होने के बाद यातायात अवरूद्ध हो गया।
देश के पूर्वी हिस्से में ओडिशा के निचले इलाकों में जलभराव जारी है। भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त राजेश प्रभाकर पाटिल ने लक्ष्मीसागर और बडागड़ा सहित कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और युद्धस्तर पर पानी निकालने का निर्देश दिया। नगर निकाय ने लोगों को बडागड़ा से रसूलगढ़ जाने वाले मार्ग पर नहीं जाने और वैकल्पिक सड़कों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। अच्छी खबर यह है पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम की बराक घाटी के लिए ट्रेन सेवाएं शुक्रवार को बहाल कर दी गईं। दीमा हसाओ जिले में भूस्खलन के कारण एक दिन पहले क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई थीं।