गुड़गांव बेस्ड सोना कॉमस्टार पहली भारतीय कंपनी है, जिसने घरेलू स्तर पर रेयर अर्थ मैग्नेट बनाने से जुड़ी अपनी योजना की घोषणा की है। सोना कॉमस्टार ने पिछले वित्त वर्ष में चीन से 120 मीट्रिक टन मैग्नेट का आयात किया था।
रेयर अर्थ मैग्नेट में चीन के दबदबे को जल्द ही बड़ी चुनौती मिल सकती है। रेयर अर्थ मैग्नेट की देश की सबसे बड़ी आयातक कंपनी सोना कॉमस्टार इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाले इस अहम कंपोनेंट्स का घरेलू स्तर पर प्रॉडक्शन करने की तैयारी में है। चीन, दुनिया के करीब 90 पर्सेंट रेयर अर्थ मैग्नेट का प्रॉडक्शन करता है। चीन ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में अप्रैल में अपने एक्सपोर्ट्स में पाबंदी लगा दी थी। हालांकि, अमेरिका और चीन ने रेयर अर्थ एक्सपोर्ट्स के अप्रूवल में तेजी लाने के लिए इस महीने इस डील पर दस्तखत किए हैं। वहीं, दुनिया भर की सरकारें और कंपनियां इसके विकल्प की तलाश में हैं।
चीन की हेकड़ी कम करने की तैयारी
भारत, दुनिया का तीसरा बड़ा कार मार्केट है और इसके पास रेयर अर्थ मैग्नेट का पांचवां बड़ा रिजर्व है। रेयर अर्थ मैग्नेट में चीन का दबदबा कम करने के लिए भारत एक नए प्रोग्राम पर काम कर रहा है, जिसमें रेयर अर्थ मैग्नेट के लोकल प्रॉडक्शन के लिए इनसेंटिव देने की तैयारी है। सरकार का प्रोग्राम सार्वजनिक होने के बाद गुड़गांव बेस्ड सोना कॉमस्टार (सोना BLW प्रिसिशन फोर्जिंग) पहली भारतीय कंपनी है, जिसने घरेलू स्तर पर रेयर अर्थ मैग्नेट बनाने से जुड़ी अपनी योजना की घोषणा की है।
टेस्ला को भी कंपोनेंट्स की सप्लाई करती है कंपनी
सोना कॉमस्टार के सीईओ विवेक विक्रम सिंह ने एक इंटरव्यू में रॉयटर्स को बताया, ‘रेयर अर्थ मैग्नेट का सबसे बड़ा आयातक होने के नाते हम देश में सबसे ज्यादा प्रभावित पक्ष हैं। हमें मैग्नेट पर देश की आत्मनिर्भरता को देखना होगा और हम इस पर सरकार के साथ काम कर रहे हैं।’ टेस्ला और स्टेलेंटिस जैसी कार मेकर्स कंपनियों को गियर्स और मोटर्स की सप्लाई करने वाली कंपनी सोना कॉमस्टार ने पिछले वित्त वर्ष में चीन से 120 मीट्रिक टन मैग्नेट का आयात किया था। सिंह ने कहा कि लोकल मैन्युफैक्चरिंग में अपना इनवेस्टमेंट तय करने के लिए कंपनी इंडियन इनसेंटिव्स और दूसरे कारकों को देखेगी। उन्होंने कहा कि लोकल मैन्युफैक्चरिंग के लिए कंपनी के पास फंड्स हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में कंपनी का रेवेन्यू 5 गुना बढ़कर 400 मिलियन डॉलर से ज्यादा पहुंच गया है।