39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला एक कुशल फाइटर और टेस्ट पायलट है। इसरो ने इस मिशन के लिए उन्हें मुख्य पायलट के रूप में चुना। 28 घंटे की यात्रा के बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान ‘ग्रेस’ ने 26 जून को दोपहर 4 बजे आईएसएस के साथ सफलतापूर्वक डॉकिंग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की। शुक्ला 25 जून को नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार हुए। उन्होंने एकसिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा शुरू की। यह यात्रा भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि 41 वर्षों के बाद शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने, जो आईएसएस पर पहुंचे। राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले वह दूसरे भारतीय हैं।
आईएसएस पर अपने 14 दिन के प्रवास के दौरान शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम लगभग 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें इसरो की ओर से डिजाइन किए गए 8 प्रयोग शामिल हैं। इनमें माइक्रोएल्गी और सलाद के बीज उगाने जैसे अध्ययन शामिल हैं। शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपने पहले संदेश में इसे अद्भुत सवारी बताया। उन्होंने कहा कि वह पृथ्वी को 400 किलोमीटर की ऊंचाई से देखने के अनुभव से अभिभूत हैं। उन्होंने भारतीय तिरंगे को अपने कंधे पर गर्व से ले जाने की बात कही और इसे भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत बताया। वह छात्रों और भारत की अंतरिक्ष इंडस्ट्री के साथ भी बातचीत करेंगे।