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India considering to amend 1996 Ganges Water Treaty with Bangladesh सिंधु जल समझौते के बाद अब गंगा जल संधि में बदलाव की तैयारी में भारत, बांग्लादेश संग होगी बातचीत, India News in Hindi

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भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 में हुई गंगा संधि की अवधि अगले साल खत्म होने को है। ऐसे में भारत समझौते को नई शर्तों के हिसाब से बदलना चाहता है। जानकारी के मुताबिक इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पूरी सहमति बन गई है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानFri, 27 June 2025 10:17 AM

पाकिस्तान संग सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद भारत अब गंगा नदी के पानी के बंटवारे के लिए बांग्लादेश के साथ किए गए ऐतिहासिक गंगा संधि की शर्तों में बदलाव पर विचार कर रहा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत बांग्लादेश के साथ संधि में बदलाव के लिए अलग अलग विकल्पों पर विचार कर रहा है।

इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पुरानी संधि को आपसी सहमति से संशोधित करने पर सहमति जताई गई थी, हालांकि अब भारत इसे अपनी मौजूदा जरूरतों के हिसाब से बदलना चाहता है। जलवायु परिवर्तन, बढ़ती जनसंख्या और बुनियादी ढांचे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, भारत चाहता है कि समझौते की शर्तें दोबारा तय हों।

गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश के बीच 1996 में यह समझौता हुआ था। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान हुई इस संधि की अवधि 30 साल थी, जिसके मुताबिक समझौता अगले साल खत्म होने जा रहा है। भारतीय पक्षों के मुताबिक नई शर्तें लागू करने के पीछे का उद्देश्य गर्मी के समय पश्चिम बंगाल की बढ़ती जल मांगों, बंदरगाह संचालन, सिंचाई और बिजली उत्पादन जैसी जरूरतों को पूरा करना है।

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मौजूदा व्यवस्था के तहत, सूखे के मौसम में (11 मार्च से 11 मई) दोनों देशों को 10-10 दिनों के लिए बारी-बारी से 35,000 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि भारत अतिरिक्त 30,000–35,000 क्यूसेक्स जल की मांग कर रहा है।

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