होम राजनीति गरीबों से क्यों मांगे कागज? चुनाव से पहले नीतीश कुमार सरकार पर भड़के तेजस्वी यादव, बोले- अब 22 साल बाद क्यों…

गरीबों से क्यों मांगे कागज? चुनाव से पहले नीतीश कुमार सरकार पर भड़के तेजस्वी यादव, बोले- अब 22 साल बाद क्यों…

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Bihar Politics: बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई. चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट सत्यापन के फैसले पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है.

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा.

हाइलाइट्स

  • तेजस्वी यादव ने नीतिश सरकार पर निशाना साधा.
  • चुनाव आयोग के फैसले को तेजस्वी यादव ने गलत बताया.
  • तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीबों और वंचितों से उनका हक छीनने की कोशिश.

पटनाः बिहार में चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के मतदाना सूची सत्यापन वाले फैसले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गरीबों से क्यों कागज मांगे जा रहे हैं. उनसे वो दस्तावेज मांगे जा रहे, जो उनके पास नहीं हैं. यानी सरकार उनके वोट का अधिकारी छीनने की योजना बना रही है.

उन्होंने कहा कि गरीबों से ऐसे कागजात मांगे जा रहे हैं. जो उनके पास नहीं हैं. ये लोग वंचितों, दलितों और शोषितों ने उनके मतदान का अधिकार छीनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार 22 साल पहले 2 साल में ये काम पूरा हो पाया था. लेकिन इस बार सिर्फ 25 दिन में ये काम किया जाने वाला है. क्या ये संभव है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में बारिश की वजह से लोग मुसीबत में हैं और चुनाव आयोग उनसे कागजात मांग रहा है. मौसम के मद्देनजर भी यह ठीक समय नहीं है.

सरकार पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि पहले उनका मतदाता सूची से नाम काटेंगे. राशन देना बंद करेंगे और फिर सभी योजनाओं समेत पेंशन मिलना भी बंद हो जाएगी. उन्होंने कहा कि ये लोग आधार कार्ड और मनरेगा कार्ड को भी मान्य नहीं मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग गरीबों, वंचितों का अधिकार छीनना चाहते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब लोकसभा का चुनाव उसी सूची पर हुआ, तो बिहार चुनाव के लिए नई सूची बनाने की क्यों जरूरत पड़ रही है. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट के सत्यापन का फैसला गरीबों के हित में नहीं है.

चुनाव आयोग ने लिया यह फैसला

बता दें कि, देशभर में चुनाव प्रक्रिया के दौरान वोटर लिस्ट में सुधार करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. दरअसल चुनाव आयोग ने वोटरों आईडी कार्ड में सुधार के लिएब अब विशेष जांच प्रक्रिया (Special Intensive Revision) की घोषणा की है, जिसके वोटर लिस्ट में जारी रही गलतियों में सुधार किया जा सके. इसके तहत 2003 में मतदाता सूची में शामिल नहीं होने वाले सभी मौजूदा मतदाताओं को फिर से अपनी पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.

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Mahesh Amrawanshi

माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर किया. वर्तमान में न्‍यूज़18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. राजनीति, क्राइम से जुड़ी खबरें लिखने में रूचि.

माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर किया. वर्तमान में न्‍यूज़18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. राजनीति, क्राइम से जुड़ी खबरें लिखने में रूचि.

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गरीबों से क्यों मांगे कागज? चुनाव से पहले नीतीश सरकार पर भड़के तेजस्वी यादव

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