रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
ईरान ने 12 दिनों के युद्ध में देख लिया होगा कि उसका दोस्त कौन है और दुश्मन कौन हैं. जहां अरब देशों ने ईरान को अकेला छोड़ दिया, तो तुर्की और पाकिस्तान ने तो इजराइल अमेरिका का पीछे से साथ देकर बड़ा विश्वासघात किया. वहीं अब रूस भी ईरान के परमाणु संपन्न बनने में रुकावट डाल रहा है.
ईरान की संसद ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA के साथ सहयोग को निलंबित करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे थी. अगर इसको लागू किया जाता है, तो ईरान बिना किसी निगरानी के परमाणु बम बना सकता है. लेकिन रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को कहा, “रूस चाहता है कि ईरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ अपना सहयोग जारी रखे.”
न्यूक्लियर साइट के बाद ईरान में गुस्सा
इजराइल और अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद ईरान में IAEA के खिलाफ गुस्सा देखने मिला है. IAEA के साथ सहयोग खत्म करने के पीछे तर्क दिया है कि संयुक्त राष्ट्र की ये एजेंसी ईरान पर हुए हमले को रोकने और फिर उसकी निंदा करने में नाकाम रही है.
इजराइल अमेरिका ने ये हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए किया था. हालांकि ईरान ने ऐसे किसी भी इरादे से इनकार किया है. रूस, जिसकी ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी है, ने इजराइल और अमेरिकी हमलों की निंदा की है और कहा है कि तेहरान को शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का अधिकार है.
संसद के पास नहीं अधिकार
विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ये भी कहा कि ईरानी संसद के पास कार्यकारी शक्ति नहीं है, इसलिए उसका निर्णय सलाहकारी प्रकृति का है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम चाहते हैं कि IAEA के साथ ईरान का सहयोग जारी रहे.”
उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि हर कोई ईरान के सर्वोच्च नेता का सम्मान करे, जिन्होंने बार-बार कहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की कोई योजना नहीं है और न ही होगी.”