होम देश Shubhnshu Shukla Axiom 4 mission Who is new and fifth member Joy seen in Dragon spacecraft and why? शुभांशु शुक्ला के एक्सिओम-4 मिशन पर चार नहीं, पांच सदस्य थे; यान में दिखा अचानक नया मेंबर कौन?, India News in Hindi

Shubhnshu Shukla Axiom 4 mission Who is new and fifth member Joy seen in Dragon spacecraft and why? शुभांशु शुक्ला के एक्सिओम-4 मिशन पर चार नहीं, पांच सदस्य थे; यान में दिखा अचानक नया मेंबर कौन?, India News in Hindi

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शुभांशु शुक्ला के साथ स्पेस-एक्स अंतरिक्ष यान से ISS पहुंचने पर लोगों ने जश्न मनाया। अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के चारों ओर 28 घंटे की यात्रा के बाद कक्षीय प्रयोगशाला में पहुंचते ही ‘भारत माता की जय’, ‘इंडिया-इंडिया’ और ‘हिप हिप हुर्रे’ के नारे गूंज उठे।

एक्सिओम-4 मिशन के ‘चालक दल’ के नये सदस्य ‘जॉय’ नाम के एक हंस खिलौने को उस वक्त ड्रैगन अंतरिक्ष यान में तैरते हुए देखा गया, जब अंतरिक्ष यात्री बृहस्पतिवार को एक वीडियो लिंक के माध्यम से बातचीत कर रहे थे। यह खिलौना एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा ले जाया जाने वाला शून्य गुरुत्वाकर्षण (भारहीनता) सूचक है, जिसका चयन अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के बेटे कियाश के पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम के कारण किया गया था।

भारहीनता के क्षण को चिह्नित करने के लिए खिलौना ले जाने की परंपरा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले मानव यूरी गगारिन के साथ शुरू हुई थी और तब से यह अंतरिक्ष मिशन में एक रस्म बन गई है। पोलिश अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की ने कहा, ‘‘हम यहां हैं, केवल हम चार लोग नहीं, हमारे साथ हमारा ‘जीरो-जी’ (शून्य गुरुत्वाकर्षण) संकेतक – जॉय भी है – जो हमारे कक्षा में प्रवेश करते ही हमारे साथ तैरने लगा था। जॉय पूरे कैप्सूल में तैर रहा है, कभी-कभी हमें यहां उसे ढूंढना पड़ जाता है।’’

हंस ज्ञान का प्रतीक

शुक्ला ने कहा कि हंस ज्ञान का प्रतीक है और साथ ही भटकाव के दौरान इसमें विवेक का उपयोग करने की भी क्षमता होती है। शुक्ला ने कहा, ‘‘इसका मतलब सिर्फ शून्य गुरुत्वाकर्षण संकेतक से कहीं अधिक है। मुझे लगता है कि पोलैंड, हंगरी और भारत में भी हम चीजों का प्रतीकात्मक उपयोग करते हैं।’’ एक्सिओम स्पेस ने एक बयान में कहा कि जॉय नामक यह खिलौना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और हंगेरियन टू ऑर्बिट प्रोग्राम (एचयूएनओआर) द्वारा अंतरिक्ष की उड़ान भरने के साझा प्रयास का प्रतीक है।

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पोलैंड में, हंस पवित्रता, निष्ठा और मुश्किल परिस्थितियों में उबरने का प्रतीक

बयान में कहा गया कि इस तरह, जॉय सांस्कृतिक एकता का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि तीन राष्ट्र एक दल के रूप में मानव अंतरिक्ष उड़ान पर हैं। भारत में, यह (हंस) ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक है, जो सत्य की खोज का प्रतिनिधित्व करता है। पोलैंड में, हंस पवित्रता, निष्ठा और मुश्किल परिस्थितियों में उबरने का प्रतीक है, जबकि हंगरी में, यह निष्ठा, अनुग्रह और प्रकृति की सुंदरता का प्रतीक है।

संस्कृतियों की विविधता को एक सूत्र में पिरोया

एक्सिओम स्पेस ने कहा, ‘‘शून्य गुरुत्वाकर्षण संकेतक के रूप में हंस को चुनकर, एक्स-4 चालक दल ने अपनी संस्कृतियों की विविधता को एक सूत्र में पिरोया है।’’ इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन के अलावा पोलैंड से स्लावोस उज़्नान्स्की-विस्निवेस्की और हंगरी से टिबोर कापू यानी कुल चार सदस्यीय दल है।

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