भारतीय मूल के पूर्व कनाडाई अधिकारी संजय मदान पर कनाडा में 4.74 करोड़ कनाडाई डॉलर (लगभग 290 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी और धन शोधन का आरोप है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में दो निजी बैंकों इंडसइंड बैंक और आरबीएल बैंक—को निर्देश दिया है कि वे भारतीय मूल के पूर्व कनाडाई अधिकारी संजय मदान के खातों से 65.9 करोड़ रुपये कनाडा सरकार के बैंक खाते में ट्रांसफर करें। यह फैसला मदान के खिलाफ चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में लिया गया है।
मदान पर कनाडा में 4.74 करोड़ कनाडाई डॉलर (लगभग 290 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी और धन शोधन का आरोप है। अप्रैल 2023 में कनाडा की अदालत ने उन्हें इन आरोपों में दोषी पाते हुए 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। याचिका समझौते के तहत मदान ने गबन की गई राशि लौटाने की सहमति जताई है, जिसमें से 3 करोड़ डॉलर अग्रिम और बाकी 15 सालों में चुकाने का वादा किया गया।
अदालत ने क्या कहा
न्यायमूर्ति मनमीत पी. एस. अरोड़ा की बेंच ने 23 जून के आदेश में कहा कि इंडसइंड बैंक में 38.3 करोड़ रुपये और आरबीएल बैंक में 29 करोड़ रुपये जमा हैं। मदान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होकर कहा कि अगर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए यह राशि कनाडा सरकार को भेजी जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
अदालत ने दोनों बैंकों को निर्देश दिया है कि दो सप्ताह के भीतर ‘केवाईसी’ प्रक्रिया पूरी कर राशि ट्रांसफर की जाए, क्योंकि संबंधित खाते निष्क्रिय हैं।