होम विदेश पाकिस्तानी मेजर सैयद मोइज को TTP के आतंकियों ने ली जान, 2019 में अभिनंदन को पकड़ने में थे शामिल

पाकिस्तानी मेजर सैयद मोइज को TTP के आतंकियों ने ली जान, 2019 में अभिनंदन को पकड़ने में थे शामिल

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TTP ने पाकिस्तानी मेजर को किया ढेर

पाकिस्तान के वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने उस मेजर की जान ले ली. जिसने साल 2019 में भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ने का दावा किया था. पाकिस्तानी सेना ने पुष्टि की है कि टीटीपी के हमले में मेजर मोइज अब्बास शाह और जिब्रान नाम के सैनिकों की मौत हो गई है. घात लगाए टीटीपी के लड़ाकों ने दोनों की हत्या की है. वह खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिण वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ एक खुफिया मिशन को लीड कर रहे थे.

पाकिस्तान सेना द्वारा जारी बयान के मुताबिक 37 वर्षीय मेजर मोइज जो पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के रहने वाले थे. इसी ऑपरेशन के दौरान मोर्चे पर सबसे आगे थे. जिसमें उनकी और एक अन्य सैनिक लांस नाइक जिबरान उल्लाह की जान चली गई. इस मुठभेड़ में कुल 11 आतंकवादी मारे गए, जबकि 7 घायल हुए हैं.

पाकिस्तान का दावा TTP भारत फंडेड

पाकिस्तान के सैन्य मीडिया विंग Inter-Services Public Relations (ISPR) ने दावा किया है कि ये आतंकी ‘भारत समर्थित आतंकवादी’ थे एक शब्द जिसे पाकिस्तान सरकार ने TTP के लिए 2024 में इस्तेमाल करना शुरू किया है. ISPR ने कहा कि ‘मेजर मोइज को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए जाना जाता था.’ मेजर मोइज का नाम सबसे पहले 2019 के भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के दौरान चर्चा में आया था. जब पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बिगड़ गए थे.

TTP के साथ टूटा सीजफायर जिससे स्थिति हुईगंभीर

बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान एक हवाई संघर्ष में पाकिस्तान की सीमा में गिर गए थे. मेजर मोइज उन अधिकारियों में शामिल थे, जिन्होंने अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना की हिरासत में लिया था. बाद में पाकिस्तान सरकार ने अभिनंदन को 58 घंटे बाद वाघा-अटारी बॉर्डर से रिहा कर दिया था. जिसे उस समय पाकिस्तान की ओर से ‘शांति का संकेत’ माना गया था. पाकिस्तान में हाल के वर्षों में आतंकी हमलों में तेजी आई है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में. 2022 में TTP के साथ संघर्षविराम टूटने के बाद से स्थिति और गंभीर हो गई है. पाकिस्तानी मेजर मोइज जैसे सैनिकों की शहादत इस क्षेत्र में चल रहे संघर्ष की गंभीरता को दर्शाती है.

क्या है बालाकोट एयरस्ट्राइक?

बालाकोट एयरस्ट्राइक 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के एक ट्रेनिंग कैम्प के खिलाफ भारतीय युद्धक विमानों द्वारा की गई थी. अगले दिन पाकिस्तान ने एक भारतीय फाइटर प्लेन को मार गिराया और उसके पायलट अभिनंदन वर्थमान को बंदी बना लिया था. भारत द्वारा यह हवाई हमला 26 फरवरी की सुबह-सुबह किया गया था. जब भारतीय युद्धक विमानों ने कश्मीर के विवादित क्षेत्र में वास्तविक सीमा पार की और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट शहर के आसपास के इलाकों में बम गिराए थे.

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