Cyber Fraud: झारखंड के उन हजारों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है, जिन्हें साइबर अपराध का शिकार बनाकर उनके पैसे ठग लिये गये. राज्य में लोगों से साइबर अपराध के जरिये लूटे पैसे वापस होंगे. इसमें एक और राहत भरी खबर यह है कि अगर किसी मामले में पीड़ित द्वारा केस नहीं भी दर्ज कराया गया है, तब भी उन्हें पैसा वापस पाने के लिए भटकना नहीं होगा. हाइकोर्ट के निर्देश पर ऐसे सभी मामले में पीड़ित को तत्काल पैसे दिलाने की पहल डीजीपी अनुराग गुप्ता ने शुरू कर दी है. डीजीपी द्वारा सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा गया है.
डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को लिखा पत्र
हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोज की ओर से डीजीपी को पत्र लिखा गया था. इसके अलावा जिलों के प्रधान न्यायायुक्त और झालसा को भी पत्र लिखा गया था. पत्र में उल्लेख था कि हाइकोर्ट का निर्देश है कि साइबर अपराध के जरिये लूटे गये पैसे तत्काल पीड़ित को दिलाने का काम किया जाये. अगर किसी मामले में पीड़ित ने केस नहीं दर्ज कराया हो, तब भी पीड़ित को पैसा वापस दिलाने की कार्रवाई की जाये.
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बिना केस दर्ज के मामले में ऐसे होगा आवेदन
बिना केस दर्ज के मामले में पैसे वापस लौटाने के लिए न्यायालय में कैसे आवेदन देना है, इसके लिए रजिस्ट्रार जनरल द्वारा एक फॉरमेट तैयार कर उपलब्ध कराया गया है. इसमें पीड़ित और उनके एकाउंट नंबर के बारे में जानकारी देनी होगी. इसके अलावा यह भी बताना होगा कि पीड़ित द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1930 में शिकायत की गयी थी और उनका पैसा बैंक एकाउंट में फ्रीज किया गया है तथा इस बाबत नोटिस जारी किया गया है.
10 फीसदी से भी कम लोग दर्ज कराते हैं केस
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार राज्य में साइबर फ्रॉड को लेकर लोग 1930 पर शिकायत तो दर्ज कराते हैं, लेकिन इनकी संख्या के मुकाबले 10 फीसदी से भी कम लोग मामले में केस दर्ज कराते हैं. पहले बिना केस दर्ज कराये पैसे नहीं मिलते थे, लेकिन हाइकोर्ट के नये निर्देश के अनुसार अब शिकायत दर्ज होने पर भी पैसे वापस कराने की कार्रवाई होगी.
झारखंड में साइबर फ्रॉड के आंकड़ें
झारखंड में साइबर फ्रॉड को लेकर वर्ष 2024 में 17633 लोगों ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिनसे कुल 297 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी. जबकि इस दौरान 1498 लोगों ने ही केस दर्ज कराया था. इनमें कुल 32,69,655 रुपये जब्त हुए थे. वर्ष 2025 जून माह के मध्य तक 9912 लोगों ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिनसे कुल 93 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी. लेकिन इन मामलों में सिर्फ 342 लोगों ने ही केस दर्ज कराया. दर्ज कराये गये इन मामलों के तहत कुल 8,29,600 रुपये जब्त किये गये थे.
रिपोर्ट- रांची, अमन तिवारी
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