कारोबारी गौतम अडानी के समूह, खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता और डालमिया भारत सीमेंट ने दिवाला प्रक्रिया के जरिये अपनी समाधान योजना प्रस्तुत की हैं। वहीं, योगगुरु रामदेव की पतंजलि ने इससे दूरी बना ली है।
जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण की रेस में कई बड़े कारोबारियों की कंपनियां शामिल हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक अरबपति कारोबारी गौतम अडानी के समूह, खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता और डालमिया भारत सीमेंट ने दिवाला प्रक्रिया के जरिये अपनी समाधान योजना प्रस्तुत की हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई सूत्रों के अनुसार, अडानी समूह की फर्म अडानी एंटरप्राइजेज, वेदांता, जेपी इन्फ्राटेक और डालमिया भारत सीमेंट ने जेएएल के लिए अपनी समाधान योजनाएं प्रस्तुत की हैं। हालांकि, इन इकाइयों के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार किया। इसके अलावा जेपी इन्फ्राटेक ने भी बोली लगाई है। बता दें कि इस कंपनी को मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने अधिग्रहीत किया है। बता दें कि जयप्रकाश एसोसिएट्स की ट्रेडिंग ठप है। इस शेयर की बीएसई पर आखिरी कीमत 3.23 रुपये थी।
रामदेव की कंपनी बाहर
वहीं, बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद ने शुरुआत में दिलचस्पी जरूर दिखाई लेकिन इसके बाद समाधान योजना पेश नहीं की। बता दें कि अप्रैल में 25 कंपनियों ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के अधिग्रहण में रुचि दिखाई थी। इस महीने की शुरुआत में जेएएल के ऋणदाताओं ने संभावित बोलीदाताओं के अनुरोध पर समाधान योजना पेश करने की समयसीमा 24 जून तक बढ़ा दी थी। अप्रैल में ईओआई प्रस्तुत करने वाली अन्य कंपनियों में टॉरेंट पावर, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी, जिंदल इंडिया पावर, जिंदल पावर लिमिटेड, कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स लिमिटेड, पीएनसी इन्फ्राटेक और ओबेरॉय रियल्टी शामिल हैं।
कंपनी के अधिग्रहण की प्रक्रिया
जयप्रकाश एसोसिएट्स का व्यावसायिक हित रियल एस्टेट, सीमेंट निर्माण, आतिथ्य और इंजीनियरिंग एवं निर्माण में फैला हुआ है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ के तीन जून, 2024 के आदेश के तहत जयप्रकाश एसोसिएट्स कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में शामिल हुई थी। कंपनी को ऋण के भुगतान में चूक के बाद दिवाला कार्यवाही में ले जाया गया था। कंपनी पर कुल 57,185 करोड़ रुपये का दावा कर किया जा रहा है।