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अमेरिका के हमले के बाद ईरान युद्ध में बैकफुट पर जाता दिख रहा है. इजराइल को अमेरिका से सीधे मदद मिलने के बाद ईरान को रूस और चीन से मदद की उम्मीद है. ईरान के विदेश मंत्री इस समय रूस यात्रा पर हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को कहा कि रूस ईरान की विभिन्न तरीकों से मदद करने के लिए तैयार है, जो तेहरान के अनुरोध पर निर्भर करेगा.
पेसकोव ने प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, “सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि ईरान को क्या चाहिए. हमने अपनी मध्यस्थता के प्रयासों की पेशकश की है.” पेसकोव ने कहा कि रूस ने ईरान-इजराइल युद्ध पर अपना रुख खुले तौर पर घोषित किया है, इसे तेहरान के लिए समर्थन का एक महत्वपूर्ण रूप कहा है. अगर तेहरान ने रूस से सैन्य मदद का अनुरोध किया और रूसी सेना भी इस युद्ध में कूदी, तो ये जंग विकराल रूप ले सकती है.
रूस ने की अपने स्थिति साफ
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा, “हमने अपनी स्थिति बता दी है. हमा ईरान के साथ हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई बातचीत में ईरान इजराइल युद्ध मुद्दा रहा है.
अब्बास अराघची से क्या बोले पुतिन?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को मास्को में वार्ता के दौरान ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची से कहा कि ईरान के खिलाफ आक्रामकता निराधार है. इससे पहले रूस ने अमेरिका और इजराइल के ईरान पर हमलों की निंदा की थी.
क्या बदलेगा युद्ध का रुख?
अगर इस जंग में रूस कूदता है तो ईरान की ताकत बढ़ जाएगी. ईरान इस समय अपने बैलिस्टिक मिसाइलों के जरिए इजराइल से लौहा ले रहा है. रूस के आने के बाद उसकी वायु शक्ति में इजाफा होगा. साथ ही रूस एयर डिफेंस मिलने के बाद ईरान में इजराइली हमले से हो रहीं हताहत कम हो जाएंगी.