UP Politics: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने बड़ा एक्शन लेते हुए तीन बागी विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन तीनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. सपा की इस कार्रवाई पर निष्कासित गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह का दर्द छलक उठा है. उन्होंने अखिलेश यादव के पीडीए पर सवाल उठाते हुए कहा बागी विधायक पूजा का जिक्र किया और कहा अगर उन्हें पार्टी से निकाला गया तो पूजा पाल पर ये कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
राकेश प्रताप सिंह ने सपा के आठ बागी विधायकों में से सिर्फ 3 लोगों पर एक्शन लिए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि अगर मंच साझा करना ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का सबूत हैं तो फिर सपा विधायक पूजा पाल के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा अगर पूजा पाल का केशव प्रसाद मौर्य के साथ मंच साझा करना ठीक है तो उन्हें बधाई दीजिए, क्या यही पीडीए है?
सपा के पीडीए पर कसा तंज
राकेश प्रताप सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर व्यंग्य करते कहा कि आजकल पीडीए का मतलब बन गया है परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी. राकेश प्रताप सिंह ने राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा के खिलाफ जाकर बीजेपी के पक्ष में वोट किया था. जिसके बाद से ही उनकी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ करीबी देखी जा रही थी. यहीं नहीं वो बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच पर भी दिखाई दिए थे. हालांकि उन्होंने इसे लेकर सफ़ाई देते हुए कहा कि नेताओं से मिलना लोकतंत्र का हिस्सा है. अगर क्षेत्र के विकास के लिए किसी मंत्री से मिले तो क्या वो बंद कर देना चाहिए.
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बीते साल राज्यसभा चुनाव के सपा का आठ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसमें से तीन विधायकों मनोज पांडे, अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह को आज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया हैं. बागी विधायकों की लिस्ट में सपा विधायक पूजा पाल भी शामिल थी जो बाद में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ दिखाई दी थीं. पूजा पाल ने एक कार्यक्रम में उन्हें बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था. सपा का कहना है जिन लोगों को पार्टी से बाहर किया गया उन्हें सुधरने का मौका भी दिया गया था लेकिन जब उनके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया तो सपा ने इन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया है.