व्हाइट हाउस में असीम मुनीर को न्योता मिला है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर तो अब बीते दिनों की बात हो गई है, लेकिन सियासत अभी भी शांत नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G7 समिट के मौके पर ट्रंप से फोन पर बात कर ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर से जुड़ी सभी हकीकतें उनके सामने रख दीं। अमेरिका ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को व्हाइट हाउस लंच पर बुलाया। क्या यह न्योता भारत की कूटनीतिक स्थिति को कमजोर करने की कोशिश है? विपक्ष ने भी मुद्दे को लपका है। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि अब एक बड़ा राजनीतिक और कूटनीतिक अध्याय बन चुका है। भारत ने जहां अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, वहीं अमेरिका के दोहरे रुख ने नई चिंता खड़ी कर दी है। ऐसे में यह कहना जल्दबाज़ी होगा कि मोदी-ट्रंप की बातचीत से सियासत शांत हो गई है। उल्टा, असीम मुनीर को व्हाइट हाउस में बुलाने से मामला और उलझ गया है।
क्या व्हाइट हाउस में असीम मुनीर को न्योता एक नया विवाद?
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