राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए खूब जोड़-तोड़ करनी पड़ी थी. बिहार की राजनीति में आज भी उनकी जबरदस्त धमक है. चारा घोटाले की सजा के ग्रहण और बीमारी के बीच भी लालू प्रसाद यादव राज्य की राजनीति का प्रभावी चेहरा हैं. केंद्र में गठबंधन सरकारों के दौर में वे कभी किंग मेकर हुआ करते थे. उनकी शैली, संवादों और भाषणों की दूर तलक चर्चा और नकल हुआ करती थी. बेशक अब वे उस प्रभावी स्थिति में नहीं हैं लेकिन बिहार में उनकी उपस्थिति का ताप बरकरार है. राज्य विधानसभा चुनाव की दस्तक तेज है. थोड़े से समय जब राजद और नीतीश कुमार का गठबंधन था, के अलावा लालू परिवार बिहार की सत्ता से लम्बे अरसे से दूर है. वे अपना राजनीतिक उत्तराधिकार पुत्र तेजस्वी यादव को सौंप चुके हैं. लेकिन पर्दे के पीछे रहते हुए भी पार्टी के निर्णायक रणनीतिकार लालू ही हैं.
लालू यादव: जबरदस्त धमक से राजनीति का प्रभावी चेहरा
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