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सरकार की सख्ती: खाद्य तेलों की पैकेजिंग नियमों में सुधार

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सरकार अब पारंपरिक पैकिंग साइज को फिर से अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। इससे कीमतों में हेरफेर को रोका जा सकेगा। खाद्य तेलों के लिए स्टैंडर्ड पैक साइज फिर से लागू करने की योजना बना रही है। व्यापारियों ने ग्राहकों को कम मात्रा देकर अधिक कीमत वसूलनी शुरू कर दी थी, जिसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2022 में कानूनी मापविज्ञान (पैकेज्ड वस्तुएं) नियमों में बदलाव कर खाद्य तेलों की पैकिंग में लचीलापन दिया गया था। इसके बाद बाजार में अनियमित साइज के पैक बिकने लगे, जिन्हें एक किलो के पैक के रूप में बेचा गया। व्यापारी इन कम मात्रा वाले पैक के लिए एक किलो की पूरी कीमत वसूल रहे थे। इसे अनुचित और धोखाधड़ी भरा माना गया, क्योंकि इससे ग्राहकों का भरोसा टूट रहा था। अधिकारी ने कहा कि हमें शिकायतें मिली हैं कि तेल के पैक की कीमत और वजन में अंतर की वजह से अनुचित व्यापार हो रहा है। उपभोक्ताओं से भ्रम हटेगामामले से जुड़े अन्य अधिकारी ने बताया कि बाजार में ऐसे असामान्य पैक साइज के कारण उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति बन गई है। इससे निपटने के लिए सरकार पैकेजिंग नियमों की समीक्षा कर रही है। हितधारकों के साथ सलाह के बाद पुराने मानक पैक साइज को फिर से लागू किया जा सकता है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। देश में लगातार बढ़ रही खपतभारत में खाने के तेल की खपत लगातार बढ़ रही है। 2020-21 में यह 24.6 मिलियन टन थी, जो 2021-22 में बढ़कर 25.8 मिलियन टन और 2022-23 में 28.9 मिलियन टन हो गई।तेल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी- सरसों तेल: ₹170.66 प्रति किलोग्राम (पिछले वर्ष ₹135.50)- सोया तेल: ₹147.04 प्रति किलोग्राम (पिछले वर्ष ₹123.61)- सूरजमुखी तेल: ₹160.77 प्रति किलोग्राम (पिछले वर्ष ₹123.17)- पाम तेल: ₹135.04 प्रति किलोग्राम (पिछले वर्ष ₹101)- वनस्पति: ₹154.71 प्रति किलोग्राम (पिछले वर्ष ₹126.40)- मूंगफली तेल: ₹188.82 प्रति किलोग्राम (लगभग स्थिर)

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