25कोडपी19 मौके पर अतिथिगण. प्रतिनिधि झुमरीतिलैया. स्वदेशी जागरण मंच झारखंड प्रान्त का दो दिवसीय विचार वर्ग का समापन हुआ. इन दो दिनों मे कुल 7 सत्र हुए, जिसमें 15 विषय जैसे इंटेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, स्वदेशी मेला, राष्ट्रीय परिषद में पारित प्रस्ताव, अमेज़ॉन, वॉमार्ट, टर्की सहित विदेशी सामानों का बहिष्कार करना, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जागरण मंच कि विकास यात्रा, जैविक क़ृषि, स्वावलंबी भारत अभियान, स्वावलंबन केंद्र, पांच परिवर्तन, सांगठनत्मक जैसे अन्य विषयों पर चर्चा हुई. बैठक में झारखंड के 22 ज़िलों से कुल 183 प्रतिनिधियों ने वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त किया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय पर्यवारण प्रमुख दीपक शर्मा, प्रदीप जी थे. उन्होंने अपने सम्बोधन मे कहा कि भारतीय क़ृषि का इतिहास लगभग 11000 वर्षो का रहा हैं, लेकिन इसकी दुर्गति सन 1965 – 66 से शुरू हुई जब से हरित क्रांति ने इस देश में कदम रखा, इसमें रासायनिक खाद का प्रयोग होने लगा जिसमे 1951 मे प्रति व्यक्ति के हिस्से में 1 किलो यूरिया से लेकर वर्तमान में 3 किलो 500 ग्राम यूरिया प्रति व्यक्ति के हिस्से तक सफर तय किया, जिसके परिणाम स्वरुप आज देश का हर 5वां व्यक्ति मधुमेह कि बीमारी और हर चौथा व्यक्ति हाइपरटेंशन जैसी बिमारियों का शिकार हैं. इस यूरिया के प्रभाव से भारत कि दो तिहाई भूमि बंजर हो गयी. क़ृषि योग्य भूमि के लगभग 95 प्रतिशत भूमि कि मिट्टी में उर्वरक क्षमता समाप्त हो गयी हैं, आज यदि हमें मिट्टी कि उर्वरक क्षमता को बढ़ाना हैं तो हमारे पास केवल एक ही विकल्प हैं, वो हैं पशुधन का उपयोग. यूरिया ने ना केवल मिट्टी को बर्बाद किया है बल्कि उसने मानव स्वस्थ पर भी बुरा असर डाला हैं. प्रदीप जी ने सभा में मात्री शक्ति कि भारी संख्या में उपस्थिति को सराहा और स्वदेशी आंदोलन को बलवान बनाने मे उनके भूमिका का वर्णन किया. समरोप सत्र का संचालन प्रान्त के प्रचार प्रमुख अमित मिश्रा और धन्यवाद ज्ञापन जिला संयोजक प्रदीप सुमन ने किया. वन्दे मातरम रिमझिम कुमारी, रक्षा मोदी, अदिति कुमारी, मनदीप कौर और वैशनवी परमार जी ने मिल कर गया. मौके पर कोडरमा और प्रान्त के अन्य ज़िलों से सुधीर यादव, विजय वर्णवाल, सुभाष कुमार गुप्ता, सुधा रानी, सिद्ध सर, शाश्वत प्रदीप मोदी, सुषमा सुमन, राजेंद्र मोदी, वीरेंद्र मोदी, गोपाल शर्मा, मधुसूदन दारूका, सुभाष वर्णवाल ,अनूप जोशी, नितेश चंद्रवंशी, विनय सान्याल के अलावा भारी संख्या में स्वदेशी कार्यकर्ता मौजूद थे.
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