होम छत्तीसगढ़ bhupesh baghel son chaitanya baghel judicial custody increased chhattisgarh excise scam all updates भूपेश बघेल के बेटे को राहत नहीं, 15 सितंबर तक के लिए बढ़ी न्यायिक हिरासत, अगली सुनवाई कब?, Chhattisgarh Hindi News

bhupesh baghel son chaitanya baghel judicial custody increased chhattisgarh excise scam all updates भूपेश बघेल के बेटे को राहत नहीं, 15 सितंबर तक के लिए बढ़ी न्यायिक हिरासत, अगली सुनवाई कब?, Chhattisgarh Hindi News

द्वारा

बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। याचिका में चैतन्य बघेल ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और ईडी ने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरSat, 6 Sep 2025 07:05 PM

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चैतन्य बघेल की पेशी हुई, जिसके बाद उन्हें अब 15 सितंबर तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। वहीं ऐसी संभावना जताई जा रही है कि 15 सितंबर को ईडी इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के नेता लगातार केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस नेता इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहें हैं।

बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। याचिका में चैतन्य बघेल ने कहा था कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है और ईडी ने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ याचिका लगाई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान उनकी याचिका को छूट (लिबर्टी) के साथ खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि यदि चैतन्य को राहत चाहिए तो फ्रेश आवेदन पेश करें, जिसमें केवल अपने मामले से संबंधित प्रार्थना हो। चैतन्य बघेल ने EOW की जांच रिपोर्ट की वैधता को चुनौती दी थी।

ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई तीन निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एसीबी- ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 3200 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई।

ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया, जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया। इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा सहित कई लोग जेल में हैं।

रिपोर्ट संदीप दीवान

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

एक टिप्पणी छोड़ें

संस्कृति, राजनीति और गाँवो की

सच्ची आवाज़

© कॉपीराइट 2025 – सभी अधिकार सुरक्षित। डिजाइन और मगध संदेश द्वारा विकसित किया गया