FIR के अनुसार पाकिस्तान के खालिद नाम के शख्स के निर्देश पर भारत में अज्ञात व्यक्तियों से धन प्राप्त करने के लिए कुछ बैंक खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था और इन खातों में प्राप्त राशि को सिमी और आईएम के कथित सदस्यों को ट्रांसफर किया जा रहा था।
ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) और इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से जुड़े आतंकी फंडिंग के एक मामले में छत्तीसगढ़ के रहने वाले राजू खान की लगभग साढ़े छह लाख रुपए की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली है। केंद्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 के प्रावधानों के तहत की। आरोपी के खिलाफ दर्ज FIR में बताया गया है कि वह इन प्रतिबंधित संगठनों के सदस्य के रूप में अपने खाते में इन संगठनों के लिए धन को प्राप्त कर रहा था और फिर कमीशन काटकर अन्य सदस्यों को ट्रांसफर कर रहा था। इस दौरान उस पर लगभग 6.34 लाख रुपए की आपराधिक आय पाने का आरोप है।
इस बारे में शनिवार को एक बयान जारी करते हुए एजेंसी ने बताया कि ईडी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित खमतराई पुलिस स्टेशन में धीरज साव और अन्य के खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की है।
FIR के अनुसार पाकिस्तान के खालिद नाम के शख्स के निर्देश पर भारत में अज्ञात व्यक्तियों से धन प्राप्त करने के लिए कुछ बैंक खातों का इस्तेमाल किया जा रहा था और इन खातों में प्राप्त राशि को प्रतिबंधित संगठनों सिमी और आईएम के कथित सदस्यों जुबैर हुसैन, आयशा बानो और राजू खान को ट्रांसफर किया जा रहा था।
ईडी की जांच से पता चला कि धीरज साओ उर्फ धीरज कुमार, खालिद के इशारे पर विभिन्न स्रोतों से नकद जमा के रूप में प्राप्त धन को डायवर्ट करने के लिए कई बैंक खातों का दुरुपयोग करने में लगा हुआ था। ये धनराशि जुबैर हुसैन, आयशा बानो और अन्य के खातों में सीधे या कई लेयरिंग के माध्यम से भेजी जाती थी।
केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक राजू खान इस नेटवर्क के प्रमुख माध्यमों में से एक था। वह अपने बैंक खाते में नकद राशि प्राप्त करता था, और रकम के आते ही उसे तुरंत निकाल भी लेता था और फिर उसे खालिद और धीरज साओ के निर्देशानुसार अन्य लोगों को सौंप देता था।
एजेंसी की जांच के दौरान राजू के बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला है कि उपरोक्त सिंडिकेट द्वारा उसके खाते में कुल 48 लाख 82 हजार 629 रुपए जमा किए गए थे और इसमें से उसने लगभग 13% यानी 6 लाख 34 हजार 741 रुपए का कमीशन (अपराध की आय) अपने पास रखने के बाद बाकी बचे 42 लाख 47 हजार 888 रुपए नकद उपरोक्त आतंकवादी संगठनों जैसे सिमी और आईएम से जुड़े अन्य व्यक्तियों को भेज दिए थे। एजेंसी ने बताया कि इस मामले में अब तक 9,15,836 रुपए की चल और अचल संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की जा चुकी है और आगे की जांच जारी है।