जीएसटी ट्रक्चर को बदला गया है, जिसके लागू होने के बाद मध्यम वर्ग के इस्तेमाल की चीजें काफी सस्ती हो जाएंगी। इससे पहले इनकम टैक्स के मोर्चे पर भी एक बड़ा बदलाव किया गया था। पीएम आवास योजना अर्बन के दूसरे चरण के तहत भी खुशखबरी है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में कई ऐसे फैसले लिए हैं जो मिडिल क्लास के हित में हैं। उदाहरण के लिए जीएसटी ट्रक्चर को बदला गया है, जिसके लागू होने के बाद मध्यम वर्ग के इस्तेमाल की चीजें काफी सस्ती हो जाएंगी। इससे पहले इनकम टैक्स के मोर्चे पर भी एक बड़ा बदलाव किया गया था। इसके बाद 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले मध्यम वर्ग के लोगों को इनकम टैक्स पर राहत मिली। इसी तरह, पीएम आवास योजना अर्बन के दूसरे चरण के तहत शहरी मध्यम वर्ग के लोगों को अपने घर का सपना साकार करने का मौका दिया जा रहा है।
जीएसटी के बदलाव
हाल ही में जीएसटी परिषद ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव करते हुए दैनिक उपभोग वाली वस्तुओं पर टैक्स घटाकर पांच प्रतिशत और अन्य उत्पादों पर 18 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि उपभोक्ता वस्तुओं, परिधान और फुटवियर, छोटे वाहन, बीमा जैसे क्षेत्र जीएसटी दरों में कटौती के कदम से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। खासतौर पर मध्यम वर्ग को इसका बड़ा फायदा मिलने वाला है।
आयकर पर राहत
बीते एक फरवरी को आम बजट में करदाताओं को खुशखबरी देते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय (यानी पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर एक लाख रुपये की औसत आय) पर कोई आयकर देय नहीं होगा। 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण वेतनभोगी आयकरदाताओं के लिए सीमा 12.75 लाख रुपये की होगी।
पीएम आवास योजना
सभी के लिए आवास के लक्ष्य के अनुरूप इस योजना को नया रूप दिया गया। इसी के तहत सितंबर 2024 में पीएम आवास योजना यानी पीएमएवाई-यू 2.0 शुरू किया गया। पीएमएवाई-यू 2.0 का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ घर बनाना है , जिसमें ₹10 लाख करोड़ का निवेश और ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सब्सिडी शामिल है। इसके तहत लाभार्थियों को केंद्र की सरकार सब्सिडी देती है।