होम छत्तीसगढ़ surrender is the only way otherwise encounter officers are making final solution plan for naxalites in chhattisgarh सरेंडर ही आखिरी रास्ता नहीं तो एनकाउंटर में मरना तय, छत्तीसगढ़ में अफसरों ने बनाया एक्शन प्लान, Chhattisgarh Hindi News

surrender is the only way otherwise encounter officers are making final solution plan for naxalites in chhattisgarh सरेंडर ही आखिरी रास्ता नहीं तो एनकाउंटर में मरना तय, छत्तीसगढ़ में अफसरों ने बनाया एक्शन प्लान, Chhattisgarh Hindi News

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नक्सलियों के खिलाफ मानसून खत्म होने के बाद निर्णायक आपरेशन चलाया जाएगा। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर फोर्स मूवमेंट करेगी। पड़ोसी राज्यों की मदद से नक्सलियों की घेरेबंदी करने छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती इलाकों में ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरSat, 6 Sep 2025 10:11 AM

नक्सलियों के खिलाफ बारिश खत्म होने के बाद निर्णायक आपरेशन चलाया जाएगा। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर फोर्स मूवमेंट करेगी। पड़ोसी राज्यों की मदद से नक्सलियों की घेरेबंदी करने छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती इलाकों में ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने चार राज्यों के डीजीपी, सुरक्षा बल और इंटेलिजेंस की बैठक में रणनीति तैयार की गई है। नक्सलियों के पास अब सरेंडर ही आखरी रास्ता बचा है।

छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन को लेकर रायपुर में एक हाई लेवल मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसरों के साथ पैरामिलिट्री फोर्सेस के DG स्तर के अधिकारी, चार राज्यों के डीजी और छत्तीसगढ़ पुलिस के आला अफसर ने नक्सल ऑपरेशन को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों पर अब फाइनल स्ट्राइक की तैयारी की जा रही है। यह पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस का अंतिम वार होगा, जिससे जंगलों में छुपे नक्सलियों के बीच हाहाकार मच जाएगा। नक्सल ऑपरेशन में इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना राज्य के पुलिस महकमे के टॉप ऑफिसर्स शामिल हुए।

इस हाई लेवल मीटिंग में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में दिल्ली से इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसर भी शामिल हुए। बैठक में न सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ फोर्स के ऑपरेशन को लेकर चर्चा हुई, बल्कि अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी राज्य आपस में खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान बेहतर तरीके से करेंगे ताकि एक राज्य से भाग कर दूसरे राज्य में छुपाने वाले नक्सलियों की जानकारी स्थानीय फोर्सज को मिल सके और नक्सलियों को न्यूट्रलाइज किया जा सके।

बैठक में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों में हाल फिलहाल में हुए नक्सली ऑपरेशंस को लेकर चर्चा हुई। ग्रामीण इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्सेस के हेल्थ और एजुकेशन कैंप को लेकर चर्चा हुई ताकि लोगों में सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़े। अफसरों ने छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में बढ़ रही नक्सली घटनाओं और उनके कारण को लेकर रिव्यू किया गया। बीहड़ नक्सल इलाकों में फोर्स के और कैंप खोले जाएंगे। वहीं दूसरे इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों को अति संवेदनशील इलाकों में शिफ्ट किया जाएगा। बता दें कि रायपुर में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने की घोषणा की थी। इस बैठक में नक्सल ऑपरेशन को लेकर अब तक की स्थिति का अपडेट सेंट्रल एजेंसीज के अधिकारियों ने भी लिया। जिसकी रिपोर्ट अब केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी जाएगी। बैठक के बाद यह तय है कि नक्सलियों के पास अब सरेंडर के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। मुठभेड़ में फंसे तो मारना तय है।

रिपोर्ट: संदीप दीवान

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