Prabhat Khabar Online Medical Counseling: धनबाद-मधुमेह (डायबिटीज)लंबे समय तक चलने वाली एक मेटाबॉलिक कंडीशन है. ब्लड शुगर में ग्लूकोज के बढ़ते हुए लेवल से पहचाना जाता है. जब शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बहुत बढ़ जाता है और पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता है, तब मधुमेह की समस्या होती है. यह जानकारी हृदय, छाती एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल चटर्जी ने दी. वह शुक्रवार को प्रभात खबर की ओर से आयोजित ऑनलाइन मेडिकल काउंसेलिंग में प्रभात खबर के पाठकों के सवालों का सुझाव दे रहे थे. उन्होंने कहा कि शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता, तब इसका असर आंखों, गुर्दा, हृदय पर होता है. मौजूदा समय में बच्चों में भी मधुमेह की बीमारी देखी जा रही है. जीवन शैली में बदलाव, फिजिकल एक्सरसाइज, वॉकिंग समेत अन्य उपाय कर मधुमेह से बचाव संभव है.
मधुमेह की दवा ले रहा हूं, क्या परहेज करें?
राज धनवार से एसएस प्रसाद ने पूछा : पांच साल से मधुमेह की दवा ले रहा हूं, कंट्रोल नहीं हो रहा है, दवा के साथ क्या परहेज करें.
डॉक्टर : मधुमेह कंट्रोल करने के लिए खान पान में परहेज के साथ शारीरिक श्रम करें. नियमित दवा का सेवन करें. तीस मिनट ब्रीक्स वॉक करें. किसी भी तह के ड्रिंक्स से बचें. इतने के बाद भी मधुमेह कंट्रोल नहीं हो रहा हो, तो चिकित्सक की सलाह से इंसुलिन ले.
बलियापुर से सुंदर लाल महतो ने पूछा : कुछ खाने के बाद सीने में दर्द व बैचेनी रहती है.
डॉक्टर : दर्द के कारण का पता जांच कराने के बाद ही हो सकता है. शुगर, कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी, पेट का अल्ट्रा सोनोग्राफी टेस्ट कराने से ही डॉयनोसिस होगा की दर्द किस कारण हो रहा है. टेस्ट में जिस बीमारी का पता चले संबंधित चिकित्सक को जाकर दिखायें, परामर्श लें.
गोविंदपुर से रीना देवी ने पूछा : खाली पेट में शुगर 170 रहता है, क्या करें.
डॉक्टर : खाली पेट में शुगर 80 से 110 होना चाहिए. खान-पान का परहेज के साथ दवा का डोज चेक करायें. चीनी, आलू, चावल मीठे फल, मसालेदार खाने से परहेज करें. नियमित एक्सरसाइज करें.
तोपचांची से ज्ञान सिंह ने पूछा : तीन साल से सांस लेने में दिक्कत हो रही है, बहुत बेचैनी होती है.
डॉक्टर : हृदय रोग, दमा, सीओपीडी की बीमारी में सांस लेने में दिक्कत होती है. पहले जांच करायें, तभी कारण का पता चलेगा. बीमारी का पता चलते ही चिकित्सक से मिल कर दवा ले लें. तीन महीने पर चेक कराते रहें.
ये भी पढ़ें: नयी दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हुईं श्वेता शर्मा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया पुरस्कृत
बीपी की शिकायत है क्या करें?
कुसुम विहार से तपन कुमार कर्मकार ने पूछा : मुझे आठ साल से ब्लड प्रेशर की शिकायत है, एमलोडीपिन 5एमजी खा रहा था, अब मेक्सट एएम ले रहा हूं. क्या फिर से एमलोडीपिन 5 एमजी ले सकता हूं.
डॉक्टर : ऊपर का ब्लड प्रेशर 120 या 130 व नीचे 80 मेंटेन हो रहा है, तो मेक्सट एएम लें.
गिरिडीह से श्याम नारायण प्रसाद यादव ने पूछा : मेरी पत्नी की उम्र साठ साल है, सोकर उठने पर छाती में दर्द होता है.
डॉक्टर : छाती में दर्द एसिडिटी के कारण भी हो सकता है. इन्हें गैस की दवा दें. हृदय रोगी को भारी सामान उठाने पर छाती में दर्द होता है. रात का खाना खाने के बाद तुरंत नहीं सोयें. सोने के दो घंटे पहले खाना खा लें. सिर के तरफ बेड ऊंचा व पैर के तरफ नीचे रखें. पीपीआई ग्रुप का मेडिसिन दें.
धनबाद से शांति देवी ने पूछा : तीन साल से शुगर पेशेंट हूं, 75 साल उम्र है, रात में नींद नहीं आती है
डॉक्टर : शुगर होने के बाद नींद की परेशानी होती है. परेशानी ज्यादा हो, तो मनोचिकित्सक से मिलें. मेडिटेशन व सुबह की सैर करें. मीठा, आलू, चावल, से परहेज करें. अगर गाय का दूध लेती हैं, तो मलाई निकाल कर लें.
बेकारबांध से अनिता देवी ने पूछा : परहेज में रहने के बाद भी मेरा शुगर हाई रहता है, पैरों में जलन होती है.
डॉक्टर : लाइफ स्टाइल में बदलाव लाने के साथ खान पान में परहेज करें. चिकित्सक से मिल कर इंसुलिन लेना शुरू करें. मेंटल स्ट्रेस से बचें.
गिरिडीह विजया चौधरी ने पूछा : मेरी उम्र 54 साल है. सीने में दर्द रहता है, बहुत पसीना निकलता है.
डॉक्टर : ट्रेडमिल टेस्ट के साथ ईको कार्डियोग्राफी टेस्ट करायें. कोई भी काम जल्दबाजी में न करें. एक्सरसाइज करें.
क्या करें?
शुगर से बचने के लिए शारीरिक श्रम पर विशेष ध्यान दें. रोज कम से कम 30 मिनट तेजी से चलें. संभव हो तो क्षमता अनुसार दौड़ लगा सकते हैं. योग, प्राणायाम समेत अन्य आसान से लाभ मिलेगा. वजन प्रबंधन बहुत जरूरी है.
हृदय से संबंधित समस्या की पुष्टि हो चुकी है तो चिकित्सक की सलाह पर खून पतला होने वाली दवा नियमित रूप से लें. इसे भूलकर भी बंद न करें. हृदय के साथ अगर बीपी, कॉलेस्ट्रोल, शुगर की समस्या है तो नियमित रूप से दवा लें.
बीपी की समस्या हो, तो सबसे पहले वजन प्रबंधन करें. हाइट के अनुसार वजन मेंटेन करना जरूरी है.
थायरॉयड की पुष्टि हो चुकी है, तो नियमित रूप से दवा लें. हर तीन माह में जांच करायें.
क्या न करें?
शुगर में मीठा, चावल, आलू का सेवन कम करें. तैलीय भोजन से परहेज करें. खासकर फास्टफूड, कोल्डड्रिंक समेत अन्य पेय जिसमें शुगर की मात्रा हो, बिल्कुल न लें.
हृदय रोग में स्मोकिंग, तंबाकू का सेवन फौरन बंद कर दें. कॉलेस्ट्रोलयुक्त भोजन, तेल, घी, रेड मीट का सेवन हानिकारक है. संतुलित आहार लें. आवश्यकता अनुसार डायटिशियन की सलाह पर डायट ले सकते हैं.
ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो खाने में ऊपर से नमक का सेवन करना बंद कर दें. क्षमता के अनुसार व्यायाम करें. योग से लाभ मिलेगा. अत्यधिक व्यायाम से नुकसान हो सकता है.
तैलीय व फास्टफूड का सेवन करने से बचे. अचानक से वजन बढ़ना, थकावट, अत्यधिक नींद आना, आवाज में भारीपन, याददाश्त कम होना थायरॉयड के लक्षण हो सकते है. ऐसे लक्षण दिखाई देने पर फौरन चिकित्सक से परामर्श लेकर जांच करायें.