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UP Politics: बांसडीह विधायक केतकी सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें? सपा ने भेजा कानूनी नोटिस, लगाए ये गंभीर आरोप

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उत्तर प्रदेश स्थित बलिया के बांसडीह से भारतीय जनता पार्टी की विधायक केतकी सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. समाजवादी पार्टी ने उनके हालिया बयान के बाद कानूनी नोटिस भेजा है. सपा की अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एडवोकेट कृष्ण कन्हैया पाल की ओर से मानहानि की नोटिस भेजी गई है. नोटिस में लिखा है कि 3.9.2025 को, लगभग 1:30 दोपहर, जब मैं अपने मित्रों और सहकर्मियों के साथ अपने कक्ष में बैठकर यूट्यूब ब्राउज़ कर रहा था, तभी मुझे एक वीडियो दिखाई दिया जिसमें आप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहीं थीं. उस कॉन्फ्रेंस के दौरान, एक पत्रकार द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, आपने अपमानजनक उत्तर दिया.

नोटिस में लिखा है, आपसे पूछा गया- अखिलेश  कल बिहार चुनाव प्रचार में गए थे, लेकिन इनका एक भी उम्मीदवार वहां खड़ा नहीं था, फिर भी गए हैं चुनाव प्रचार में, आप कैसे देखते हैं? नोटिस में लिखा गया कि इसका आपने जवाब दिया- अच्छा बहुत दिन से हो गया होगा अपने एसी कमरे में रहते हुए सहाब को लगा होगा कि मैं भी घूम कर आता हूं. चुनाव चुनाव खेलकर आता हूं. पर अभी उनके एक ऑफिसिलय ट्विटर से और समाजवादी ट्विटर से भी मैंने देखा कि मेरे खिलाफ उन्होंने कोई ट्वीट वगैरह किया था. तो मैं तो यह कहना चाहूंगी कि ठीक है, आप वहां जाकर जो वोट मांगना है वो लीजिए, परंतु पहले यूपी की जनता को वो टोटियां लौटाइए जो आप मुख्यमंत्री आवास खाली करते हुए ले गए वे. अब मुझे नहीं लगता अखिलेश यादव जी जैसे बड़े नेता ऐसी हरकत कर सकते हैं, परंतु उन्हें पता जरूर करवाना चाहिए कि समाजवादी पार्टी में ऐसे कौन लोग थे जो टोटियां उखाड़ कर ले गए थे. पहले यूपी की जनता को, जिसने उन्हें चार बार मुख्यमंत्री बनाया, उनकी टोटिया वापस कीजिए, उसके बाद आगे की बात होगी.’

‘आपने दुर्भावनापूर्ण रूप से आरोप लगाया कि …’

नोटिस में लिखा गया कि उपरोक्त उत्तर को देखने और सुनने के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि आपने दुर्भावनापूर्ण रूप से आरोप लगाया कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री आवास से टोटियों की चोरी की थी जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. आपने जानबूझकर समाजवादी पार्टी के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कन्नौज से संसद सदस्य (लोकसभा) अखिलेश यादव को बदनाम करने के गुप्त इरादे से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था की और उसे संबोधित किया. आपने दुर्भावनापूर्ण इरादे और गुप्त उद्देश्य से, एक अत्यधिक सम्मानित और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व्यक्तित्व के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणी पारित की, जिसे टीवी9 समाचार चैनल द्वारा आगे प्रसारित किया गया और भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों ने देखा. आपकी टिप्पणी अखिलेश यादव,समाजवादी पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं के विरुद्ध झूठी, भ्रामक और अपमानजनक है.

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नोटिस में लिखा गया कि समाजवादी पार्टी एक समाजवादी राजनीतिक दल है, जो भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके चुनाव चिह्न पर 37 सांसद निर्वाचित हुए हैं. एक भारतीय नागरिक और समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, मुझे उपरोक्त अपमानजनक वीडियो देखकर गहरा दुःख और अपमान महसूस हुआ, जिसमें आपने अखिलेश यादव को टोटी चोर कहकर सार्वजनिक रूप से बदनाम किया है.

‘या तो माफी मांगें या 5 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगने को बाध्य…’

कृष्ण पाल सिंह द्वारा भेजी गई नोटिस में लिखा गया है- उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, आपसे अनुरोध है कि आप अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के पक्ष में बिना शर्त लिखित और सार्वजनिक रूप से माफीनामा जारी करें, जिसे इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए. ऐसा न करने पर, मैं आपके विरुद्ध सक्षम न्यायालय में मानहानि के लिए उचित दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए बाध्य होऊंगा, जिसमें आपके संपूर्ण जोखिम, लागत और परिणामों पर कम से कम 5 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा जाएगा.

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