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बिहार पर शर्म वाली कांग्रेस की ‘बीड़ी’ मानसिकता, PM मोदी का गर्व भरा ‘BIHAR’ का फुल फॉर्म, ऐसे ही तो सेट होता है नैरेटिव

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पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को दोबारा उभारने की राहुल गांधी के किये धरे पर कांग्रेस के नेता ही पानी फेरने में जुटे हैं. पीए मोदी को गाली और उनकी मां पर अपशब्द के विवादों से कांग्रेस अभी निकली भी नहीं थी कि केरल की कांग्रेस ईकाई के पोस्ट पर सियासी विवाद छिड़ गया है. केरल इकाई ने बिहार की तुलना बीड़ी से कर दी है. कांग्रेस की केरल इकाई ने लिखा, ‘बीड़ी और बिहार, दोनों ‘बी’ से शुरू होते हैं. अब इसे पाप नहीं माना जा सकता. केरल कांग्रेस के इस ट्वीट से सियासी बयान बढ़ गया है. बता दें कि बीते दिनों रेवंत रेड्डी, एमके स्टालिन, चरणजीत सिंह चन्नी, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने बिहार और बिहारियों को लेकर नफरत दिखाई है. लेकिन इसके उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो बिहार पर गर्व करते रहे हैं और इसको अपने शब्दों से भी कई बार प्रकट किया है. बीते दिनों पीएम मोदी जब बिहारपहुंचे थे तो यहां उन्होंने BIHAR का फुल फॉर्म बताते हुए बिहारवासियों के योगदान को याद किया और बिहार के लोगों को गर्व की अनुभूति दी थी. आइये आगे जानते हैं कांग्रेस के नेता किस प्रकार बिहार के लोगों के लिए अपमानजनक शब्दों का उपयोग करते रहे हैं और पीएम मोदी ने किस प्रकार बिहार के लोगों कों को उनकी समृद्ध, अद्भुत संस्कृति और संसाधन संपन्न राज्य के रूप में प्रस्तुत कर हर बिहारवासी के स्वाभिमान को ऊंचा कर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को गर्व का प्रतीक बताते हुए हमेशा ही इस राज्य का सकारात्मक पक्ष दुनिया के सामने रखा है. पीएम मोदी ने बिहार के लिए एक खास फुल फॉर्म दिया और प्रत्येक अक्षर के माध्यम से राज्य की विशेषताओं को उजागर किया. इसमें राज्य की समृद्धि, संस्कृति, संसाधन और महत्वाकांक्षा को बताया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए एक विशेष फुल फॉर्म दिया था जिसमें B का अर्थ Bountiful यानी समृद्ध बिहार, I का मतलब Incredible यानी अद्भुत बिहार, H का Honest अर्थ ईमानदार बिहार, A का अर्थ Aspirational यानी महत्वाकांक्षी बिहार और R का अर्थ Resourceful यानी संसाधन संपन्न बिहार होता है.

पीएम मोदी का फुल फॉर्म, बिहार का गौरव

पीएम मोदी ने बिहार का यह फुल फॉर्म बिहार की एक सभा के दौरान दिया था. इस सभा में प्रधानमंत्री ने बिहार की प्रगति और विकास की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की, इस फुल फॉर्म के माध्यम से प्रधानमंत्री ने बिहार को एक समृद्ध, अद्भुत और संसाधन संपन्न राज्य के रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने राज्य के विकास की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की और बिहारवासियों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद के साथ उनका गौरव याद दिलाया. लेकिन, यह भी हकीकत है कि कांग्रेस के नेता लगातार बिहार को लेकर ओछी टिप्पणी करते रहे हैं. बीते 26 जून को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार को “छोटा-मोटा राज्य” कहकर संबोधित किया था जिसको लेकर बिहार में हंगामा मच गया था. अब केरल कांग्रेस के ताजा ट्वीट ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है और लोग कह रहे हैं कि बिहार को लेकर कांग्रेस की यही मानसिकता रही है.

बिहार को लेकर क्या कहा केरल कांग्रेस ने?

बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने GST रिफॉर्म का फैसला लिया है जो 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है. इस बीच केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने अकाउंट से एक ऐसा पोस्ट किया जिसने बिहार के प्रति देश के राष्ट्रीय पार्टी की मानसिकता को उजागर किया. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उस पोस्ट का स्क्रिनशॉट शेयर किया जिसमें लिखा है, ‘बी से बीड़ी और बिहार…’ इस पोस्ट में केरल कांग्रेस ने GST स्लैब का टेबल लगाकर कैप्शन में लिखा, “बीड़ी और बिहार बी से शुरू होता है। इसे अब पाप नहीं माना जा सकता है.” जैसे ही केरल कांग्रेस ने इसे पोस्ट किया, इसपर विवाद शुरू हो गया. बता दें, कांग्रेस की ओर से आयोजित की गई अधिकार यात्रा में रेवंत रेड्डी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और एमके स्टालिन शामिल हुए. दरअसल, ये ऐसे नेता हैं, जिन्होंने बिहार को बार-बार अपमानित किया है.

तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने क्या कहा था?

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिसंबर 2023 में एक कार्यक्रम में तत्कालीन तेलंगाना सीएम केसीआर पर निशाना साधते हुए कहा, मेरा डीएनए तेलंगाना का है, केसीआर का डीएनए बिहारी है. उनकी जाति कुरमी है जो बिहार से विजयनगरम और फिर तेलंगाना आए. तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर है. उनके इस बयान को बिहार के लोगों ने अपमानजनक माना. बीजेपी नेताओं-रविशंकर प्रसाद और नित्यानंद राय ने इसे ‘जातिवादी और विभाजनकारी’ करार देकर माफी की मांग की थी. हालांकि, रेवंत रेड्डी ने अपने बयान पर खेद भी नहीं जताया था और हाल में ही वह राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हुए थे. बिहार आने के बावजूद भी रेवंत रेड्डी ने अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं जताया था.

सुखपाल सिंह खैरा का ”बिहार बहिष्कार” बयान

इसी तरह पंजाब के कांग्रेस नेता और संगरूर से उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा ने विवादित बयान दिया था. 18 मई 2024 को खैरा ने एक चुनावी सभा में कहा कि पंजाब में बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले प्रवासियों के लिए हिमाचल प्रदेश की तरह कानून बनाया जाना चाहिए जो उन्हें कुछ अधिकारों से वंचित करे. इस बयान को पीएम मोदी ने बिहार की एक रैली में “बिहारियों का अपमान” करार दिया और बीजेपी ने इसे कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता का उदाहरण बताया था.

प्रियंका गांधी की वो हंसी और वो ताली याद है !

15 फरवरी 2022 की है जब पंजाब के रूपनगर में एक रैली के दौरान तब अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने कहा कि पंजाब पंजाबियों का है. पंजाब को पंजाबी चलाएंगे अपनी सरकार बनाओ यहां कोई नई राजनीति नहीं मिलेगी, ये जो बाहर से आते हैं, आपके पंजाब में उन्हें सिखाइए कि पंजाबियत क्या है, पंजाब मेरी ससुराल है. इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी बोलता है प्रियंका पंजाबियां दी बहू है यूपी दे, बिहार दे, दिल्ली दे भइये आके इत्थे राज नई कर दे यूपी बिहार के भइयों को पंजाब में फटकने नहीं देना है. चरणजीत सिंह चन्नी के इतना बोलते ही जो बोले सो निहाल के नारे लगते हैं प्रियंका गांधी जोर से हंसती हैं तालियां बजाती है और खुद भी नारे लगाती है.यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ और इसे यूपी-बिहार के लोगों का अपमान से जोड़ा गया था.

सुखविंदर सिंह सुक्खू का ”बिहारियों” पर बयान

कांग्रेस के विवादित बयान देने वाले नेताओं की इस कड़ी में एक नाम हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का भी है. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के लिए सीएम सुक्खू ने बिहार के निर्माण मजदूरों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा कि शिमला में बिहारी मजदूरों ने “फ्लोर पर फ्लोर” बनाकर नुकसान पहुंचाया. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे बिहारियों का अपमान बताया और कहा कि बिहार के लोग मजदूरों से लेकर आईएएस और आईपीएस तक राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं.

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