GST 2.0: जीएसटी में कटौती का फायदा 22 सितंबरतक ग्राहकों को मिल जाना चाहिए। पुराने स्टॉक पर भी ग्राहकों से नई कम हुई दर पर ही टैक्स लेना होगा। फायदा न पहुंचाने पर कारोबारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) में हुई कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना कंपनियों और दुकानदारों की जिम्मेदारी है। जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में कई सामानों और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाई हैं। सरकार चाहती है कि इन सामानों की कीमतों में कमी का फायदा सीधे उपभोक्ताओं को मिले।
22 सितंबर तक नई दरें लागू
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी में हुई कटौती का लाभ 22 सितंबर तक ग्राहकों को मिल जाना चाहिए। इस तारीख तक सभी कंपनियों और कारोबारियों को नई कम हुई जीएसटी दरों के हिसाब से ही अपने उत्पादों की कीमतें तय करनी होंगी और ग्राहकों से टैक्स वसूलना होगा।
कंपनियों की जिम्मेदारी: पुराने स्टॉक पर भी नई दर
सरकार ने कहा है कि अगर किसी दुकानदार या कंपनी के पास पुराना स्टॉक है (जिस पर उसने पहले ज्यादा जीएसटी दिया था), तो भी उसे ग्राहकों से नई कम हुई दर पर ही टैक्स वसूलना होगा। इसका मतलब है कि कारोबारियों को पुराने स्टॉक पर मार्जिन थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन ग्राहकों को पूरा फायदा देना अनिवार्य है।
जीएसटी कटौती का पूरा लाभ नहीं देने पर होगी कार्रवाई
सरकार ने व्यवसायों को चेतावनी दी है कि अगर कोई कंपनी ग्राहकों को जीएसटी कटौती का पूरा लाभ नहीं पहुंचाती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उपभोक्ता मामले के मंत्रालय और जीएसटी नेटवर्क इस पर नजर रखेंगे कि कीमतों में कमी का फायदा वास्तव में ग्राहकों को मिल रहा है या नहीं।
कैसे पहुंचेगा फायदा?
मान लीजिए किसी उत्पाद की कीमत 100 रुपये थी और उस पर 12% का जीएसटी लगता था, यानी कुल मिलाकर ग्राहक को 112 रुपये देने पड़ते थे। अब अगर जीएसटी घटकर 5% हो गई है, तो अब ग्राहक से उस उत्पाद के लिए सिर्फ 105 रुपये ही लिए जाने चाहिए, भले ही दुकानदार ने वह सामान पहले 12% जीएसटी देकर खरीदा था।
क्या कर सकते हैं?
TOI की खबर के मुताबिक अगर किसी ग्राहक को लगता है कि उसे जीएसटी में हुई कटौती का पूरा फायदा नहीं मिल रहा है और दुकानदार पुरानी ही कीमत वसूल रहा है, तो वह इसकी शिकायत उपभोक्ता हेल्पलाइन या जीएसटी शिकायत पोर्टल पर कर सकता है। सरकार ने उपभोक्ताओं को जागरूक रहने और अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।