उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के मुखिया और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री का डर, सच साबित होता दिख रहा है. बीते दिनों संजय निषाद ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता, अलायंस के साथियों और नेताओं के बारे में विवादित टिप्पणियां करते हैं. उनके इस बयान के कुछ दिनों बाद ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषंगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रों ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और यूपी सरकार में काबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बयान के बाद जमकर हंगामा किया और उनका पुतला फूंका.
दरअसल राजभर ने बाराबंकी स्थित श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के बाहर एबीवीपी के छात्रों और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना पर टिप्पणी की थी. राजभर ने कहा कि किसी को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. अगर कोई कानून हाथ में लेगा तो पुलिस कार्रवाई करेगी.
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उनके इस बयान भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता चहुंओर राजभर की आलोचना कर रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रों और कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर आंदोलन किया और माफी की मांग की.
क्या बोले संजय निषाद?
इस पूरी घटना पर संजय निषाद ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को लेकर किसी को आपत्ति है तो लोकतांत्रिक तरीके से बातचीत होनी चाहिए थी. लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सभी को है लेकिन शालीनता और संयम के साथ होना चाहिए. हम छात्रों से भी कहना चाहेंगे कि वह हिंसा की बजाय संवाद का रास्ता अपनाएं.
दूसरी ओर पूर्व सांसद व कल्याण सिंह सरकार में कारागार मंत्री रहे वरिष्ठ भाजपा नेता हरिनारायण राजभर का कहना है कि यह बेहद खेदजनक है. ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा आज केवल परिवार तक सीमित रह गई है. उनके इस रवैये से भाजपा की बदनामी हो रही है. अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची है तो तुरंत इस्तीफा देकर दिखाएं.
इस विवाद पर सुभासपा के नेता और राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने कहा कि अगर abvp के लोग चाहें तो खुद ओम प्रकाश राजभर उनके साथ चलकर इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवा सकते हैं और वह इस संघर्ष की लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं.