जीएसटी परिषद के फैसलों से आम उपभोक्ता परिवार की जेब तक सीधी राहत पहुंचेगी। कई जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरें घट गईं हैं, तो कुछ पूरी तरह कर मुक्त हो गई हैं। इससे मध्यवर्गीय परिवार की अच्छी खासी बचत होगी और यह सालाना 40 हजार रुपये तक पहुंच सकती है।
जीएसटी परिषद के फैसलों से आम उपभोक्ता परिवार की जेब तक सीधी राहत पहुंचेगी। कई जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दरें घट गईं हैं, तो कुछ पूरी तरह कर मुक्त हो गई हैं। इससे मध्यवर्गीय परिवार की अच्छी खासी बचत होगी और यह सालाना 40 हजार रुपये तक पहुंच सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि परिषद ने खाने-पीने और रोजमर्रा के सामान पर सबसे बड़ी राहत दी है। करीब 49 वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हो गई हैं। वहीं, 300 के करीब वस्तुओं को पांच फीसदी स्लैब के दायरे में लाया गया है, जिन पर पहले 12 और 18 फीसदी कर लगता था। 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद चार सदस्यीय परिवार को हर महीने औसतन 1,800 रुपये और सालाना करीब 40 हजार रुपये तक की बचत हो सकती है।
और बढ़ सकता है फायदा : यदि कोई परिवार वाहन खरीदता है तो इस बचत में और इजाफा हो सकता है। छोटी कारों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो गया है। पहले आठ लाख रुपये तक की कार खरीदने पर 28 फीसदी जीएसटी के तौर पर 2,24,000 रुपये चुकाने पड़ते लेकिन अब 1,44,000 रुपये चुकाने होंगे। इससे 80,000 रुपये की सीधी बचत होगी।
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई
पेंसिल, रबर, किताबें, नोटबुक समेत अन्य वस्तुएं कर मुक्त हुईं। केवल ज्योमेट्री और कलर बॉक्स पर पांच फीसदी जीएसटी लागू होगा।
बीमा प्रीमियम
स्वास्थ्य और जीवन बीमा को पूरी तरह कर मुक्त कर दिया गया है। इनमें टर्म लाइफ, यूलिप और एंडोमेंट प्लान शामिल हैं। पहले इन पर 18 फीसदी जीएसटी लगता था।
दैनिक उपयोग की वस्तुएं
साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, टेलकम पाउडर, कंघी, नैपी/डायपर, माचिस, डिटर्जेंट, रसोई के बर्तन और अन्य घरेलू वस्तुएं पांच फीसदी के दायरे में आ गई हैं। पहले इन पर 12 से 18 फीसदी जीएसटी लगता है।
खाने-पीने का सामान
अनाज, दाल, आटा, चावल और अन्य खाद्य वस्तुएं पहले 5% से 12% तक दायरे में थीं। अब कई पूरी तरह कर मुक्त हो गई हैं या फिर केवल 5% के दायरे में आ गई हैं।
स्वास्थ्य खर्च
33 जीवन रक्षक दवाओं को कर मुक्त। थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर और अन्य चिकित्सीय उत्पादों को 12 और 18 फीसदी के स्लैब के घटाकर सीधे 5 फीसदी के स्लैब में लाया गया है।
कपड़े-जूतों की खरीदारी
जीएसटी परिषद ने 2,500 रुपये तक की कीमत वाले कपड़े और जूतों पर 5 फीसदी टैक्स कर दिया है। पहले यह 12 फीसदी टैक्स के दायरे में आते थे।
औसत मासिक खर्च ₹2,500
पहले टैक्स: ₹450 अब टैक्स: ₹125
मासिक बचत: ₹325 वार्षिक: ₹39,00
कार सर्विस
कार की नियमित सर्विस और पार्ट्स पर पहले ऊंची दर से कर लगता था। अब यह बोझ आधा होगा। इससे हर महीने 500 रुपये और सालाना ₹6,000 रुपये की बचत होगी।
नोट : सालाना बचत का यह आकलन अनुमान पर आधारित है। स्थान और परिवार की स्थिति के अनुसार इसमें बदलाव संभव है।