अमरनाथ पोद्दार, देवघर : संताल परगना में सिकल सेल एनीमिया व थैलेसीमिया मरीजों के इलाज के लिए देवघर एम्स में सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी (सीओसी) स्थापित होगा. देवघर एम्स में चिन्हित सिकल सेल व थैलेसीमिया के मरीजों का विशेष निगरानी कर इलाज किया जायेगा. भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने सिकल सेल एनीमिया बीमारी के उन्मूलन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. जनजातीय मामलों के मंत्रालय भोपाल और सूरत के बाद अब देवघर एम्स में भी सिकल सेल एनीमिया का सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी स्थापित करने जा रहा है. सीओसी न केवल संथाल परगना बल्कि पूरे झारखंड और आसपास के राज्यों के लिए वरदान साबित होगा. इस योजना में देवघर एम्स राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से सहयोग लेगी. राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आदिवासी सहित अन्य ग्रामीणों के बीच सिकल सेल एनिमिया व थैलेसीमिया मरीजों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग करेगी. भारत सरकार की योजना के तहत राज्य सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीम समुदाय के बीच विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलायेगी. सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया से प्रभावित मरीजों की पहचान कर देवघर एम्स तक मरीजों को पहुंचाया जायेगा. देवघर एम्स में बनने वाला यह केंद्र आधुनिक जांच, जेनेटिक उपचार व पुनर्वास की सुविधा से लैस होगा. यहां एक विशेषज्ञ टीम मरीजों के इलाज और परामर्श में जुटी रहेगी, ताकि प्रभावित लोगों को समय पर सटीक और उन्नत चिकित्सा मिल सके. अत्याधुनिक उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता से मरीजों को महानगरों का रुख किये बिना स्थानीय स्तर पर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. इस केंद्र में थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए भी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी. इसमें रेगुलर ब्लड ट्रांसफ्यूजन, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, आयरन चिलेशन थेरेपी, जेनेटिक काउंसलिंग और जीन थैरेपी की सुविधा रहेगी. इन आधुनिक तकनीकों से मरीजों को जीवनभर ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर निर्भर रहने से मुक्ति मिल सकती है और रोग का स्थायी इलाज संभव हो सकेगा. सीओसी के जेनेटिक काउंसलिंग में पूरे राज्य में इस अभियान की शुरुआत संताल परगना से ही किया जायेगा. एम्स प्रबंधन से अक्तूबर महीने से इस सेवा को चालू करने की तैयारी में है.
भारत सरकार थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों के उन्मूलन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सिकल सेल एनीमिया व थैलेसीमिया मरीजों के इलाज के लिए देवघर एम्स में सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी स्थापित होगा. राज्य सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीम समुदाय के बीच विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाकर सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया से प्रभावित मरीजों की पहचान कर देवघर एम्स तक मरीजों को पहुंचायेगी. यह केंद्र में आधुनिक जांच, जेनेटिक उपचार व पुनर्वास की सुविधा से लैस होगा. यहां एक विशेषज्ञ टीम मरीजों के इलाज और परामर्श में जुटी रहेगी.
– डॉ सौरभ वार्ष्णेय, निदेशक, देवघर
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