पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस को एक विकल्प के रूप में चुनने वाले नियम को नोटिफाई कर दिया गया है।
7th pay commission latest: अगर केंद्रीय कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस को एक विकल्प के रूप में चुनने वाले नियम को नोटिफाई कर दिया गया है।
अगस्त 2024 में मंत्रिमंडल की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को यूपीएस शुरू करने को स्वीकृति दी थी। वित्तीय सेवा विभाग ने 24 जनवरी, 2025 को एनपीएस के अंतर्गत एक विकल्प/योजना के रूप में यूपीएस को नोटिफाई किया था, जिसके लिए एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारियों को अपना ऑप्शन देना होगा। बता दें कि एक अप्रैल, 2025 से यूपीएस लागू है।
केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना का कार्यान्वयन) नियम, 2025 में कई नियम शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नियम ये हैं-
– एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस के अंतर्गत नामांकन।
-रिटायरमेंट की तिथि से एक वर्ष पूर्व या वीआरएस से 3 महीने पूर्व यूपीएस से एनपीएस में जाने की सुविधा।
-कर्मचारी और सरकार द्वारा कंट्रीब्यूशन।
-एनपीएस खाते में रजिस्ट्रेशन और कंट्रीब्यूशन जमा करने में देरी के मामले में सरकारी कर्मचारी को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति।
– सर्विस के दौरान सरकारी कर्मचारी की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में सीसीएस (पेंशन) नियम या यूपीएस विनियमों के अंतर्गत लाभ का विकल्प।
– अनिवार्य सेवानिवृत्ति/पदच्युति/सेवा से हटाने का प्रभाव और सेवानिवृत्ति के समय लंबित विभागीय/न्यायिक कार्यवाही का प्रभाव भी शामिल है।
अगस्त में वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?
अगस्त महीने में ही वित्त मंत्रालय ने यूपीएस से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने की वन टाइम सुविधा शुरू करने का ऐलान किया था। वित्त मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा था कि यूपीएस से एनपीएस में जाने की वन टाइम सुविधा उन सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी जिन्होंने यूपीएस का विकल्प चुना है। इसमें कहा गया- यूपीएस का विकल्प चुनने वाले किसी भी समय इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। इस विकल्प का उपयोग सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में सेवानिवृत्ति की अनुमानित तारीख से तीन महीने पहले, जैसा भी लागू हो, किया जा सकता है।