होम देश Head Lama Tulku Palden Wangyal of Choegyal Monastery passes away dies in Chinese custody चोएग्याल मठों के प्रमुख लामा तुलकु पाल्डेन वांग्याल का निधन, चीनी हिरासत में हुई मृत्यु, India News in Hindi

Head Lama Tulku Palden Wangyal of Choegyal Monastery passes away dies in Chinese custody चोएग्याल मठों के प्रमुख लामा तुलकु पाल्डेन वांग्याल का निधन, चीनी हिरासत में हुई मृत्यु, India News in Hindi

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सीटीए ने जोर देकर कहा कि चोएग्याल मठों के प्रमुख लामा तुलकु पाल्डेन वांग्याल की मृत्यु तिब्बत में व्याप्त संकट को उजागर करती है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कठोर प्रतिबंध हैं।

Devendra Kasyap लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 4 Sep 2025 03:45 PM

चोएग्याल मठों के प्रमुख लामा तुलकु पाल्डेन वांग्याल की कथित तौर पर कई वर्षों के कारावास और गंभीर दुर्व्यवहार के बाद 53 वर्ष की आयु में जेल में मृत्यु हो गई। बताया गया कि उन्हें पहले गोंजो काउंटी जेल में रखा गया, फिर चामडो और बाद में ल्हासा स्थानांतरित किया गया, जहां उन्हें अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें निरंतर यातनाएं सहनी पड़ीं और उनकी रिहाई की अपीलों को अनसुना कर दिया गया। 2025 में उन्हें गांसु प्रांत ले जाया गया, जहां यातनाएं जारी रही। 19 जुलाई को हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई।

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) ने उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे बीजिंग द्वारा तिब्बती धार्मिक हस्तियों के व्यवस्थित दमन और बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित करने का स्पष्ट उदाहरण बताया। सीटीए के अनुसार, सम्मानित धार्मिक नेता तुलकु पाल्डेन वांग्याल ने अपना जीवन तिब्बती लोगों की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने तिब्बती संस्कृति के संरक्षण की वकालत की, समुदाय में एकता पर जोर दिया और तिब्बती पहचान के प्रति निष्ठा को प्रोत्साहित किया। लेकिन इन गतिविधियों ने चीनी अधिकारियों को संदेहास्पद बना दिया, जिसके कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और करीब आठ वर्षों तक जेल में रखा गया।

सीटीए ने जोर देकर कहा कि उनकी मृत्यु तिब्बत में व्याप्त संकट को उजागर करती है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कठोर प्रतिबंध हैं। तिब्बती निर्वासित सरकार ने कहा कि तुलकु पाल्डेन वांग्याल के साथ चीन का व्यवहार सांस्कृतिक संरक्षण और आध्यात्मिक नेतृत्व की आवाज को दबाने की जानबूझकर नीति को दर्शाता है। सीटीए ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनके साथ हुए अन्याय को मान्यता देने और तिब्बत में जारी उल्लंघनों के लिए चीन को जवाबदेह ठहराने की अपील की। सीटीए ने कहा कि तिब्बतियों के लिए, तुलकु पाल्डेन वांग्याल का निधन न केवल एक सम्मानित लामा की क्षति है, बल्कि उत्पीड़न के खिलाफ निरंतर संघर्ष की दुखद याद भी है।

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