GST Council Meeting: दिल्ली में कल बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में GST काउंसिल की बैठक हुई. इसमें देशभर से अलग-अलग राज्यों के वित्त मंत्री व अधिकारी भी पहुंचे थे. बैठक में राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड (Jharkhand) का पक्ष रखा. राज्य सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की नयी नीति से राज्य को होनेवाले नुकसान से केंद्र को अवगत कराया है. राज्य सरकार ने नयी नीति का विरोध तो नहीं किया है, लेकिन यह जरूर बताया है कि इससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान होगा.
झारखंड को GST में नुकसान होता है- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड एक उत्पादक (मैन्युफैक्चरिंग) स्टेट है. जीएसटी प्रणाली से राज्य के आतंरिक राजस्व संग्रहण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. उन्होंने इसके पक्ष में दलील देते हुए कहा कि झारखंड की प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष 1 लाख 5 हजार रुपये है. लोगों की क्रय शक्ति कमजोर होने से झारखंड उपभोक्ता राज्य की श्रेणी में नहीं आता है. इस कारण हमें जीएसटी में नुकसान होता है.
झारखंड के लिए मुआवजा जरूरी
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड के कोयला और स्टील उत्पादन के लगभग 75 से 80 प्रतिशत की खपत राज्य के बाहर होती है. इस कारण जीएसटी का लाभ उपभोक्ता वाले राज्यों को हो रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 तक पांच वर्षों के लिए राज्य को जीएसटी में मुआवजा मिला. लेकिन पांच वर्ष बाद मुआवजा बंद हो गया. केंद्र सरकार झारखंड जैसे गरीब प्रदेश का मुआवजा बंद नहीं करे. हम आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो पायें, इसके लिए मुआवजा जरूरी है. हर वर्ष 2000 करोड़ मुआवजा देने की गारंटी हो, तभी झारखंड मजबूत हो पायेगा.
झारखंड की ताजा खबरें यहां पढ़ें
कमजोर है झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था
जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री किशोर ने कहा कि झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी कमजोर है. कृषि योग्य भूमि के मात्र 22 प्रतिशत खेतों में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है. पर्यटन क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं के बावजूद आर्थिक कमी के कारण झारखंड लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहा है. मानव संसाधन का अभाव बना हुआ है. झारखंड उग्रवाद से प्रभावित राज्य रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य को अभी बहुत काम करना है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक मजबूत राजस्व संरक्षण का ढांचा और लग्जरी वस्तुओं पर एक पूरक शुल्क लागू होना चाहिए. ऐसा संतुलित दृष्टिकोण ही राज्यों की राजकोषीय स्वायत्तता की रक्षा करेगा.
इसे भी पढ़ें
Encounter: पलामू में पुलिस और TSPC नक्सलियों के बीच मुठभेड़, दो जवान शहीद, एक घायल
हजारीबाग खासमहाल जमीन घोटाले में विनय चौबे से पूछताछ शुरू, एसीबी को सहयोग नहीं कर रहे निलंबित IAS
करम पूजा के दौरान कुड़ू में माहौल बिगाड़ने की कोशिश, हाथापायी और पथराव, प्रशासन ने संभाला मोर्चा