राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ समय से लगातार भारत पर निशाना साध रहे हैं. वहीं बुधवार (3 सितंबर) को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर अभी शुरुआती दौर के प्रतिबंध लगाए हैं और संकेत दिया कि आगे और भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि इस कदम से मास्को को पहले ही सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है और चेतावनी दी कि “चरण दो” और “चरण तीन” के प्रतिबंध अभी भी विचाराधीन हैं.
ट्रंप की यह टिप्पणी ओवल ऑफिस में पोलैंड राष्ट्रपति करोल नवरोकी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान आई. जब एक पोलैंड पत्रकार ने उनसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति अपनी नाराजगी दिखाने के बावजूद कोई कार्रवाई न करने के बारे में सवाल किया, तो ट्रंप स्पष्ट रूप से नाराज दिखे. पत्रकार ने पूछा कि था कि उन्होंने पुतिन के प्रति निराशा और हताशा व्यक्त की थी लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की. इस बात पर ट्रंप नाराज हो गए.
‘रूस को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ’
ट्रंप ने पत्रकार से कहा ‘आपको कैसे पता कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? क्या आप कहेंगे कि चीन के बाहर सबसे बड़े खरीदार भारत पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाना लगभग बराबर है? क्या आप कहेंगे कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? इससे रूस को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ. आप इसे कोई कार्रवाई नहीं कहेंगे? और मैंने अब तक दूसरा या तीसरा चरण पूरा नहीं किया है. लेकिन जब आप कहते हैं कि कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मुझे लगता है कि आपको कोई नई नौकरी ढूंढ लेनी चाहिए’.
ट्रंप ने आगे कहा कि भारत को उनकी चेतावनी साफ थी.उन्होंने कहा ‘दो हफते पहले मैंने कहा था कि अगर भारत तेल खरीदता है, तो उसे बड़ी समस्याएं होंगी, और यही हुआ. इसलिए मुझे इसके बारे में मत बताइए’.
‘भारत पर प्रतिबंध मास्को के खिलाफ कार्रवाई’
बीजिंग में सैन्य परेड में पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक साथ दिखाई देने और मास्को पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार भारत पर प्रतिबंध लगाकर पहले ही मास्को के खिलाफ कदम उठा चुकी है. उन्होंने कहा ‘मैंने भारत के संबंध में पहले ही ऐसा कर लिया है, और हम अन्य चीजों के संबंध में भी ऐसा कर रहे हैं’.
‘तो भारत को धिक दंड का सामना करना पड़ सकता…’
उन्होंने भारत को चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बताया और संकेत दिया कि यदि भारत मास्को से ऊर्जा आयात जारी रखता है तो उसे और अधिक दंड का सामना करना पड़ सकता है. अमेरिका ने चीन पर अतिरिक्त टैरिफ नवंबर तक अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, जबकि भारत पर भारी टैरिफ लगाया है. ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. 27 अगस्त से लागू हुए इन नए उपायों ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को प्रभावी रूप से दोगुना कर दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है.
ट्रंप के टैरिफ पर भारत का रुख
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह किसानों, पशुपालकों, लघु उद्योगों के हितों से समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने आगाह किया कि हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे. भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को अनुचित बताया है. भारत का कहना है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.