भाजपा MLC परिणय फुके ने कहा है कि मराठा आरक्षण पर सरकारी आदेश से कोई ओबीसी नेता नाखुश नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस आदेश के खिलाफ कोई नेता अदालत नहीं जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (MLA) परिणय फुके ने बुधवार को कहा है कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को विश्वास में लेने के बाद ही मराठा आरक्षण पर सरकारी आदेश जारी किया है। उन्होंने दावा किया है कि कोई भी ओबीसी नेता इससे नाराज नहीं है। फुके ने विश्वास जताया है कि इस सरकारी आदेश के खिलाफ कोई भी अदालत नहीं जाएगा। इस दौरान उन्होंने यह दावे भी किए कि मराठा आरक्षण से मौजूदा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटा प्रभावित नहीं होगा।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक सरकारी आदेश जारी कर एक समिति गठित करने की घोषणा की है। इसके जरिए मराठा समुदाय के लोगों को उनकी कुनबी विरासत के ऐतिहासिक साक्ष्य पेश करने पर कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। मामले पर पत्रकारों से बातचीत में फुके ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि जारी किए गए सरकारी आदेश के खिलाफ कोई अदालत जाएगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल नए आदेश से नाराज हैं, फुके ने कहा, “भुजबल अपने विभाग से जुड़े मुद्दों या कुछ निजी कारणों से नाराज हो सकते हैं। उन्होंने आज होने वाली मंत्रिमंडल बैठक के बहिष्कार के पीछे के कारणों को अभी तक स्पष्ट नहीं किया है।” उन्होंने आगे दावा किया, “कोई भी ओबीसी नेता नए आदेश से नाखुश नहीं है। भुजबल के मंत्रालय से जुड़े कुछ मुद्दे या कुछ निजी कारण हो सकते हैं।”
हालांकि इससे पहले NCP कोटे से मंत्री और वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने कहा है कि उन्हें सरकार से ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी। मंगलवार को उन्होंने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करने का भी फैसला लिया है। छगन भुजबल ओबीसी कोटे में मराठों को आरक्षण दिए जाने का विरोध करते रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा था कि वह सरकार की तरफ से जारी प्रस्ताव की पड़ताल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे लंबे समय से मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता देने की मांग कर रहे हैं। कुनबी राज्य का एक पारंपरिक कृषक समुदाय है और उन्हें नौकरियों और शिक्षा में सरकारी आरक्षण का पात्र बनाने के लिए राज्य में ओबीसी श्रेणी की सूची में शामिल किया गया है। छगन भुजबल के विरोध पर जरांगे ने कहा है कि कुछ लोग समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सरकारी आदेश में कोई गलती है तो सरकार ने भरोसा दिया है कि जरूरत पड़ने पर इस पर काम दिया जाएगा।