चीन की विक्ट्री डे परेड
चीन बुधवार को शक्ति प्रदर्शन कर रहा है. विक्ट्री डे परेड की जा रही है. दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) की समाप्ति के 80 साल पूरे होने के मौके पर यह सैन्य परेड का आयोजन किया जा रहा है. इस परेड में रूस के राष्ट्रपति पुतिन, नॉर्थ कोरिया के किम जोंग उन और ईरान के राष्ट्रपति समेत 25 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं.
चीन के बीजिंग में यह विक्ट्री डे परेड की जा रही है. इस परेड में 40 हजार चीनी सैनिक शामिल हुए हैं. साथ ही पूरे 70 मिनट तक यह परेड होगी.
चीन क्यों करता है विक्ट्री डे परेड?
जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर यह परेड आयोजित की जाती है. दूसरे विश्वयुद्ध के समय चीन की जापान से जंग हुई थी. जापान के साथ 14 साल तक युद्ध चला था. 2 सितंबर 1945 को जापान ने सरेंडर किया था. फिर चीन ने ‘विजय दिवस’ की घोषणा की थी. चीन राष्ट्रीय गौरव के रूप में इसको पेश करता है.
सैन्य परेड से अमेरिका को संदेश?
चीन अपने इस शक्ति प्रदर्शन से अमेरिका को संदेश देना चाहता है. इस परेड में चीन की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हो रहा है. इस परेड में 25 से ज्यादा देशों के शीर्ष नेता शामिल हो रहे हैं. दरअसल, अमेरिका को चीन दिखाना चाहता है कि उसको कई देशों का समर्थन मिल रहा है.
अमेरिका विरोधी रूस, उत्तर कोरिया, ईरान का चीन को साथ मिल रहा है. साथ ही चीन की इसके जरिए ग्लोबल साउथ का लीडर बनने की कोशिश है. इसी के साथ टैरिफ को लेकर चीन का अमेरिका के साथ तनाव देखने को मिल रहा है. इसी बीच इस तनाव के बीच सैन्य परेड को रणनीतिक दांव माना जा रहा है.
▶️बीजिंग में विक्ट्री डे परेड का आयोजन ▶️25 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद होंगे #China | #Beijing | #XIJinping | @karunashankar | @ManishJhaTweets pic.twitter.com/8ML0MI3aIV
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) September 3, 2025
किम की मौजूदगी के मायने क्या हैं?
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग पूरे 6 साल के बाद चीन की यात्रा पर हैं. 2019 के बाद किम की पहली चीन यात्रा है. पहली बार बहुपक्षीय राजनयिक कार्यक्रम में वो शामिल हो रहे हैं. इससे पहले किम के दादा 1959 में सैन्य परेड में गए थे. किम का दौरा अमेरिका के लिए बड़ा संदेश है.
चीन यात्रा किम के कूटनीतिक रुख का संकेत देती है. चीन-रूस के साथ किम की नजदीकी बढ़ी है. वहीं, दूसरी तरफ ट्रंप के साथ किम जोंग की दूरी बढ़ सकती है. इसी के साथ चीन-रूस-उत्तर कोरिया का सैन्य गठजोड़ संभव है.
चीन की परेड में मौजूद प्रमुख नेता
- शी जिनपिंग- राष्ट्रपति, चीन
- व्लादिमीर पुतिन-राष्ट्रपति, रूस
- किम जोंग उन- शासक, नॉर्थ कोरिया
- अलेक्जेंडर लुकाशेंको- राष्ट्रपति, बेलारूस
- मसूद पेजेश्कियान- राष्ट्रपति, ईरान
- केपी ओली- पीएम, नेपाल
- शहबाज शरीफ- पीएम, पाकिस्तान
चीन की परेड में मौजूद प्रमुख देश
रूस, उत्तर कोरिया , बेलारूस , ईरान , पाकिस्तान , कजाकिस्तान , किर्गिस्तान , ताजिकिस्तान , उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान, आर्मीनिया, नेपाल, म्यांमार, मालदीव, मलेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, क्यूबा,, मंगोलिया. वहीं, चीन की इस परेड में भारत, तुर्किये, मिस्र, श्रीलंका और अफगानिस्तान शामिल नहीं हुए हैं.
सैन्य परेड में चीन का पावर शो
- 100 से ज्यादा लड़ाकू विमान
- हाइपरसोनिक मिसाइलें
- मिसाइल डिफेंस सिस्टम
- अत्याधुनिक टैंक
- 45 सैन्य दस्ते