इसमें कहा गया है कि कोई भी विदेशी, जिसके पास भारत में रोजगार करने के लिए वैध वीज़ा है, वह नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के बिना, बिजली या पानी की आपूर्ति या पेट्रोलियम क्षेत्र में लगे निजी क्षेत्र के किसी उपक्रम में काम नहीं कर सकेगा।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अवैध विदेशी घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर स्थापित करने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजपत्र अधिसूचना के जरिए राज्यों से ऐसा करने को कहा है ताकि विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने से पहले उनकी आवाजाही प्रतिबंधित की जा सके और इन विशेष हिरासत केंद्रों में रखा जा सके। केंद्र ने अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया है कि कौन-कौन व्यक्ति डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। गृह मंत्रालय ने आव्रजन एवं विदेशी आदेश, 2025 के माध्यम से विदेशी न्यायाधिकरणों को यह शक्ति प्रदान की, जो अर्द्ध-न्यायिक निकाय हैं। यह विदेशी (न्यायाधिकरण) आदेश, 1964 का स्थान लेगा और विदेशी (नागरिक) न्यायाधिकरण को यह अधिकार देगा कि यदि कोई व्यक्ति, जिसकी राष्ट्रीयता पर विवाद है, व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में विफल रहता है तो वह उसे हिरासत में लेने का आदेश जारी कर सकता है।
गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है, “केंद्र सरकार या राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन या जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट, इस आदेश द्वारा इस प्रश्न को कि कोई व्यक्ति अधिनियम के तहत विदेशी है या नहीं, केंद्र सरकार द्वारा इस उद्देश्य के लिए गठित विदेशी न्यायाधिकरण को उसकी राय के लिए भेज सकते हैं। विदेशी न्यायाधिकरण में न्यायिक अनुभव वाले अधिकतम तीन सदस्य होंगे, जिन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करना उचित समझे। यदि कोई व्यक्ति अपने इस दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश करने में विफल रहता है कि वह विदेशी नहीं है और अपने दावे के संबंध में जमानत की व्यवस्था करने में भी सक्षम नहीं है, तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।”
बिना इजाजत नहीं कर सकेंगे आवाजाही
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में यह भी कहा है कि अगर इन विदेशियों को गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें भारत में प्रवेश या रहने से मना किया जा सकता है और कोई भी विदेशी केंद्र की अनुमति के बिना भारत में किसी भी क्षेत्र में आवाजाही नहीं कर सकेगा। अधिसूचना में प्राइवेट सेक्टर में विदेशियों को रोजगार देने के लिए भी दिशानिर्देश दिए गए हैं।
विदेशियों के रोजगार पर भी पाबंदी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कहा गया है, “कोई भी विदेशी, जिसके पास भारत में रोजगार करने के लिए वैध वीज़ा है, वह नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के बिना, बिजली या पानी की आपूर्ति या पेट्रोलियम क्षेत्र में लगे निजी क्षेत्र के किसी उपक्रम में काम नहीं कर सकेगा। रक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा या मानवाधिकार या इस संबंध में निर्दिष्ट किसी अन्य क्षेत्र में लगे निजी क्षेत्र के किसी भी उपक्रम में केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना किसी विदेशी नागरिक को रोजगार पर नहीं रखा जाएगा।”
नेपाल और भूटान के नागरिकों को छूट
एक अन्य अधिसूचना में कहा गया है कि नेपाल या भूटान के नागरिकों को ज़मीन या हवाई मार्ग से भारत में प्रवेश करने या जाने के लिए पासपोर्ट और वीज़ा की जरूरत नहीं है। यह उन लोगों पर भी लागू होता है जिनके पास नेपाल या भूटान के अलावा किसी अन्य स्थान से भारत में प्रवेश या प्रस्थान करते समय वैध पासपोर्ट है, लेकिन वे चीन, मकाऊ, हांगकांग या पाकिस्तान से नहीं हैं।
यह प्रावधान उन तिब्बतियों पर भी लागू होगा जो पहले ही भारत में प्रवेश कर चुके हैं और देश में रह रहे हैं, या यदि उन्होंने संबंधित पंजीकरण अधिकारियों के पास पंजीकरण कराया है और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त किया है, तो वे भारत में प्रवेश कर सकते हैं, यदि वे 1959 के बाद लेकिन 30 मई, 2003 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं।