होम राजनीति तेज प्रताप ने जमीन पकड़ी और जनता ने कुर्सी! लालू के लाल ऐसे बदल रहे बिहार की सियासत का मिजाज, जानिये क्या हुआ

तेज प्रताप ने जमीन पकड़ी और जनता ने कुर्सी! लालू के लाल ऐसे बदल रहे बिहार की सियासत का मिजाज, जानिये क्या हुआ

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हाइलाइट्स

तेज प्रताप यादव का वादा – मंच पर कुर्सी नहीं, जनता को सम्मान, अरवल से हुई शुरुआत. बेरोजगारी, पलायन और अपराध पर तीखा प्रहार, तेज प्रताप यादव ने मांगा युवाओं का साथ. ‘टीम तेज प्रताप’ के तहत तेज प्रताप ने किया है महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान.

अरवल. Leader on ground people on chair… जी हां, बिहार की राजनीति में एक नया प्रयोग देखने को मिला है- तेज प्रताप यादव अब जनता को कुर्सी पर बिठा रहे हैं और खुद जमीन पर बैठकर जन संवाद कर रहे हैं. अरवल से इस नई राजनीतिक शैली की शुरुआत हुई है. तेज प्रताप यादव ने अरवल से एक नई राजनीतिक शैली की शुरुआत करते हुए खुद जमीन पर बैठकर जनता को मंच और कुर्सी दी. उन्होंने ‘बहुरूपिया’ नेताओं पर निशाना साधकर तेज बिहार में बदलाव का नारा बुलंद किया. इसके साथ ही तेज प्रताप ने रोड शो और जनसभा के जरिए युवाओं को बेरोजगारी, पलायन और अपराध के मुद्दों पर जागरूक किया. दरअसल, लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल ने पुराने ढर्रे से हटकर राजनीति को ‘जनता केंद्रित’ बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है. जाहिर है तेज प्रताप यादव का यह नया सियासी मिजाज बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है.

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक अलग सियासी मिजाज के साथ आगे बढ़ रहे हैं. अरवल में आयोजित रोड शो और जन संवाद सम्मेलन में उन्होंने अनोखा वादा किया कि अब उनके मंच पर कुर्सी नहीं होगी, बल्कि जनता को कुर्सी पर बैठाया जाएगा. तेज प्रताप यादव ने अरवल में रोड शो और जन संवाद सम्मेलन में उन्होंने कुर्सी छोड़कर जनता को सम्मान देने की बात कहते हुए बेरोजगारी, पलायन और अपराध जैसे मुद्दों पर चिंता जताते हुए उन्होंने युवाओं को राजनीति में लाने का आह्वान किया. खास बात यह कि उनके साथ पूर्व सैनिक अरुण कुमार जैसे चेहरे भी दिखाई दिए.

बिहार में सियासी बदलाव का नया तरीका! तेज प्रताप बोले- अब जनता बैठेगी कुर्सी पर, हम जमीन पर

बेरोजगारी और पलायन पर चिंता

तेज प्रताप ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी की ‘फौज’ खड़ी हो चुकी है, जिसके चलते युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार से हर साल लाखों युवा रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों का रुख करते हैं. यह न केवल सामाजिक, बल्कि आर्थिक संकट भी पैदा कर रहा है.

अपराध के बढ़ते ग्राफ पर सवाल

तेज प्रताप ने बिहार में बढ़ते अपराध को भी प्रमुख मुद्दा बनाया. उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े हत्याएं और अपराधों का बोलबाला आम हो गया है. उन्होंने नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था को संभालने में नाकामी का आरोप लगाया. तेज प्रताप ने दावा किया कि अगर युवाओं को सही नेतृत्व और अवसर मिले तो बिहार में अपराध और अराजकता को नियंत्रित किया जा सकता है.

युवाओं को राजनीति में लाने का आह्वान

तेज प्रताप ने युवाओं को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बिहार का बदलाव तभी संभव है जब युवा आगे आएं और सियासत में हिस्सेदारी करें. अरवल में रथ पर सवार होकर रोड शो के दौरान उन्होंने युवाओं को जागरूक करने का प्रयास किया. गांधी मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने रोजगार, शिक्षा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय का वादा पूरा करने का आश्वासन दिया.

‘बहुरूपिया’ नेताओं पर तेज प्रताप का तंज

तेज प्रताप यादव ने ‘बहुरूपिया’ नेताओं पर निशाना साधते हुए जनता को सावधान रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कुछ नेता चुनावी मौसम में बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन सत्ता मिलने पर जनता को भूल जाते हैं. उनका इशारा साफ तौर पर उन नेताओं की ओर था जो परिवार या पार्टी के भीतर ही उनके खिलाफ काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि उनका यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से उनके भाई तेजस्वी यादव और आरजेडी की रणनीति पर भी कटाक्ष है.

तेज प्रताप का नया गठबंधन और नया मिजाज

बता दें कि आरजेडी से निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने ‘टीम तेज प्रताप’ के तहत नया गठबंधन बनाया है जिसमें वीवीआईपी, भोजपुरिया जनमोर्चा जैसी पांच छोटी पार्टियां शामिल हैं. उन्होंने महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है. जानकारों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम बिहार में युवा मतदाताओं और सामाजिक न्याय की राजनीति को नया रंग दे सकता है.

अरवल से तेज प्रताप यादव की हुंकार-बेरोजगारी, अपराध पर प्रहार, युवाओं को मौका.

क्या बदलेगा बिहार का सियासी अंदाज?

बहरहाल, तेज प्रताप का यह नया अवतार बिहार की सियासत में हलचल पैदा कर रहा है. उनकी जनता को केंद्र में रखकर राजनीति की रणनीति और युवाओं पर फोकस पारंपरिक नेताओं से अलग है. जानकार कहते हैं कि तेज प्रताप अगर यूं ही आगे बढ़ते रहे, अगर वह युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं को जोड़ पाए तो बिहार की सियासत में नया बदलाव संभव है.

सियासी संदेश साफ-बदलाव की शुरुआत

राजनीति के जानकारों की नजर में तेज प्रताप का ये प्रयोग सिर्फ शैली नहीं, बल्कि बड़ा सियासी संदेश है. वे दिखाना चाहते हैं कि अब राजनीति जनता के करीब होनी चाहिए. मंच से नीचे आकर जमीन पर बैठने का उनका निर्णय बताता है कि वे लोगों के बीच रहकर नेतृत्व करना चाहते हैं. तेज प्रताप यादव की  यह शैली लालू यादव के ‘धरतीपुत्र’ छवि की याद दिलाती है, लेकिन एक नए अंदाज में! (इनपुट-अनिरुद्ध कुमार)

Tags: Bihar Assembly Elections, Bihar politics, Tej Pratap Yadav

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